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गाजीपुर: गंगा की आगोश में शिक्षा के मंदिर, सड़क किनारे पढ़ने को मजबूर बच्चे

उत्तर प्रदेश की नदियों में इन दिनों बाढ़ का सैलाब है. सभी नदियां अपनी जल वहन क्षमता से कई गुना ज्यादा पानी लेकर बह रही हैं. इसकी वजह पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बरसात है. इसका सीधा असर गाजीपुर जिले के तराई क्षेत्रों में दिखाई पड़ रहा है.

गाजीपुर के तराई क्षेत्रों में बाढ़ का कहर.
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Published : Sep 21, 2019, 11:08 PM IST

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश में इन दिनों बाढ़ का कहर लगातार लगातार जारी है. चंबल नदी से पानी छोड़ने के बाद गाजीपुर में बाढ़ की स्थिति और भयावह होती जा रही है. यह स्थिति आने वाले तीन से चार दिनों तक रहेगी, लेकिन गंगा के वीभत्स रूप की मार शिक्षा के मंदिरों पर भी पड़ी है. गाजीपुर के जमानिया, सेवराई, भांवरकोल में बाढ़ के पानी से स्कूल डूब चुके हैं. जिला प्रशासन ने स्कूलों के लिए दो दिन का अवकाश भी घोषित कर दिया है. ऐसे में बच्चों को सड़क किनारे बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है.

गाजीपुर के तराई क्षेत्रों में बाढ़ का कहर.

बाढ़ से ये इलाके हुए हैं प्रभावित
गाजीपुर के सेवराई का रेवतीपुर, वीरुपुर , हसनपुर, नसीरपुर गहमर आंशिक, भतौरा, कुतुबपुर भावरकोल के शेरपुर, कुंडेसर, मच्छटी, अवथही, दहिनवर, लोचईन, सेमरा, करंडा के पुरैना, बड़हरिया, धर्ममरपुर, जमानिया का देवरिया, मलसा , जीवपुर, सब्बलपुर, मतसा बाड़, ताजपुर दियारा, चितवनपट्टी, कालनपुर, ताड़ीघाट सहित अन्य गांव के सरकारी स्कूल भी गंगा के आगोश में आ चुके हैं. इनमें से ज्यादातर गांवों के सरकारी विद्यालय जलमग्न हो चुके हैं.

बाढ़ प्रभावित छात्रों पर शिक्षा का संकट
जिला प्रशासन राहत बचाव कार्य में लगा हुआ है. वहीं परिवार के साथ पलायन करने वाले बच्चे सड़क किनारे बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं. गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. इसको देखते हुए गाजीपुर जिला प्रशासन ने सरकारी विद्यालयों में दो दिन की छुट्टी का भी ऐलान कर दिया है.

हम स्कूल नहीं जा पा रहे टीचर जी भी नहीं आ पाते. दो दिन की छुट्टी कर दी गई है.
-मनोज कुमार, बाढ़ प्रभावित छात्र

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश में इन दिनों बाढ़ का कहर लगातार लगातार जारी है. चंबल नदी से पानी छोड़ने के बाद गाजीपुर में बाढ़ की स्थिति और भयावह होती जा रही है. यह स्थिति आने वाले तीन से चार दिनों तक रहेगी, लेकिन गंगा के वीभत्स रूप की मार शिक्षा के मंदिरों पर भी पड़ी है. गाजीपुर के जमानिया, सेवराई, भांवरकोल में बाढ़ के पानी से स्कूल डूब चुके हैं. जिला प्रशासन ने स्कूलों के लिए दो दिन का अवकाश भी घोषित कर दिया है. ऐसे में बच्चों को सड़क किनारे बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है.

गाजीपुर के तराई क्षेत्रों में बाढ़ का कहर.

बाढ़ से ये इलाके हुए हैं प्रभावित
गाजीपुर के सेवराई का रेवतीपुर, वीरुपुर , हसनपुर, नसीरपुर गहमर आंशिक, भतौरा, कुतुबपुर भावरकोल के शेरपुर, कुंडेसर, मच्छटी, अवथही, दहिनवर, लोचईन, सेमरा, करंडा के पुरैना, बड़हरिया, धर्ममरपुर, जमानिया का देवरिया, मलसा , जीवपुर, सब्बलपुर, मतसा बाड़, ताजपुर दियारा, चितवनपट्टी, कालनपुर, ताड़ीघाट सहित अन्य गांव के सरकारी स्कूल भी गंगा के आगोश में आ चुके हैं. इनमें से ज्यादातर गांवों के सरकारी विद्यालय जलमग्न हो चुके हैं.

बाढ़ प्रभावित छात्रों पर शिक्षा का संकट
जिला प्रशासन राहत बचाव कार्य में लगा हुआ है. वहीं परिवार के साथ पलायन करने वाले बच्चे सड़क किनारे बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं. गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. इसको देखते हुए गाजीपुर जिला प्रशासन ने सरकारी विद्यालयों में दो दिन की छुट्टी का भी ऐलान कर दिया है.

हम स्कूल नहीं जा पा रहे टीचर जी भी नहीं आ पाते. दो दिन की छुट्टी कर दी गई है.
-मनोज कुमार, बाढ़ प्रभावित छात्र

Intro:गंगा की आगोश में शिक्षा के मंदिर , बच्चे सड़क किनारे पढ़ने को मजबूर

गाजीपुर। गाजीपुर में बाढ़ का कहर लगातार लगातार जारी है।चंबल नदी से पानी छोड़ने के बाद गाजीपुर में बाढ़ की स्थिति और भयावह होती जा रही है। यह स्थिति आने वाले तीन से चार दिनों तक रहेगी लेकिन गंगा के वीभत्स रूप की मार शिक्षा के मंदिरों पर भी पड़ी है। गाजीपुर के जमानिया, सेवराई, भांवरकोल में बाढ़ के पानी स्कूल डूब चुके हैं। जिला प्रशासन ने स्कूलों के लिए 2 दिन का अवकाश भी घोषित कर दिया है। ऐसे में बच्चों को सड़क किनारे बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है।अब देखना ये है कि कब तक बाढ़ का पानी उतरता है, और दोबारा स्कूलों में बच्चों की रौनक दोबारा देखने को मिलती है।

गाजीपुर के सेवराई का का रेवतीपुर, वीरुपुर , हसनपुर, नसीरपुर गहमर आंशिक, भतौरा, कुतुबपुर भावरकोल के शेरपुर, कुंडेसर, मच्छटी, अवथही, दहिनवर, लोचईन, सेमरा, करंडा के पुरैना, बड़हरिया, धर्ममरपुर, जमानिया का देवरिया, मलसा , जीवपुर, सब्बलपुर, मतसा बाड़, ताजपुर दियारा, चितवनपट्टी, कालनपुर, ताड़ीघाट सहित अन्य गांव के सरकारी स्कूल भी गंगा के आगोश में आ चुके हैं। इनमे से ज्यादातर गांवों के सरकारी विद्यालय जलमग्न हो चुके हैं

अब तक जिला प्रशासन राहत बचाव कार्य में लगा हुआ है। वहीं परिवार के साथ पलायन करने के बावजूद बच्चे आगामी परीक्षाओं को लेकर बच्चे चिंतित है। ऐशे में बच्चे सड़क किनारे बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं। गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। इसको देखते हुए  गाजीपुर जिला प्रशासन ने सरकारी विद्यालयों में 2 दिन की छुट्टी का भी ऐलान कर दिया है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार राहत बचाव कार्य जारी है।

इस मामले में हमने खुद बच्चों से बात की जिनके स्कूल बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। उन्होंने बताया कि हम स्कूल नहीं जा पा रहे टीचर जी भी नहीं आ पाते। बच्चों ने बताया कि 2 दिन की छुट्टी कर दी गई है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरीके से बच्चे सड़क किनारे बैठकर पढ़ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कब तक बाढ़ का पानी उतरता है और दोबारा स्कूलों में बच्चों की रौनक दोबारा देखने को मिलती है।

बाइट - मनोज कुमार ( बाढ़ प्रभावित छात्र )
बाइट - मोहित ( बाढ़ प्रभावित छात्र )

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590969





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