गाजीपुर: जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन और गाजीपुर सहित पूर्वांचल के फायर ब्रांड नेताओं में शुमार अरुण सिंह बीते शुक्रवार शाम नैनी जेल से रिहा हुए थे. जेल से रिहा होने के बाद वे गाजीपुर आने के बजाए लखनऊ पहुंच गए थे. हालांकि, उन्होंने साफ नहीं किया कि वह किससे मिले थे. करंडा ब्लॉक की पूर्व ब्लॉक प्रमुख रजावती देवी के पति अमरनाथ यादव की हत्या के मामले में वे 30 जनवरी 2016 से जेल में थे. बीती छह जुलाई को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी. इसके बाद अरुण सिंह के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी.
ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा नेता अरुण सिंह ने बताया कि वो निर्दोष हैं. उन्हें अमरनाथ यादव की हत्या में राजनीतिक साजिश के तहत झूठा फंसाया गया. उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी. बाकायदा उन्होंने पूर्व मंत्री कैलाश यादव का नाम लेते हुए कहा कि सता का इस्तेमाल कर साजिसन उन्हें फंसाया. पूर्वांचल सहित गाजीपुर में फायर ब्रांड नेता के रूप में जाने जाने वाले अरुण सिंह 2014 में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से बगावत कर उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े थे. टिकट कट जाने से अरुण सिंह अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे थे. इसके बाद मनोज सिन्हा के खिलाफ उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी थी.
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भाजपा नेता अरुण सिंह ने कहा कि मनोज सिन्हा से पहले पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने को कहा था. लेकिन, चुनाव के ऐन वक्त पर मोदी लहर को देखते हुए कुछ लोग मेरा टिकट कटवाकर मैदान में कूद गए. इसके पूर्व अरुण सिंह तीन बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. इसमें वह तीनों बार हार गए थे. वहीं, एक बार लोकसभा चुनाव भी लड़े. इसमें भी हार का सामना करना पड़ा था. अरुण सिंह ने कहा कि योगी सरकार में गुंडा-माफिया के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. लेकिन, अभी भी थोड़ी सी कमी है. उन्होंने कहा कि वे देखेंगे कि कैसे व्यवस्था में सुधार हो सकता है. उन्होंने कहा कि गाजीपुर के नए एसपी आए हैं. वे जानदार और शानदार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सही काम नहीं हुआ तो योगी जी से मिलेंगे और जो भी संभव हो पाएगा करेंगे.
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