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इस विद्यालय तक नहीं पहुंची सड़क और बिजली, खेत की मेड़ से स्कूल जाते हैं नौनिहाल

गाजीपुर के एक विद्यालय में बच्चों, अध्यापक और अध्यापिकाओं के जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. जिससे बच्चों के साथ-साथ विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं अध्यापकों को किसानों के खेतों की मेड़ों पर चलकर स्कूल जाना पड़ता है.

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गाजीपुर के इस विद्यालय में नहीं पहुंची सड़क और बिजली,
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Published : Sep 29, 2022, 10:34 PM IST

गाजीपुरः जनपद के मोहम्मदाबाद तहसील (Mohammadabad Tehsil) क्षेत्र के विद्यालयों में जाने के लिए आज तक न सड़क बनी है, न ही बिजली पहुंच पाई है. इस विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं अध्यापक किसानों के खेतों की मेड़ों को पकड़कर स्कूल जाते हैं. इसके अलावा इस कंपोजिट विद्यालय पर बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट ब्लूटूथ डिवाइस एवं वाईफाई डिवाइस लगाया गया है. ये सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शोपीस बनकर रह गया है. वही हैंडपंप में लगाए गए सबमर्सिबल पंप भी नहीं चलता है.

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विद्यालय के छात्र-छात्राएं किसानों के खेतों की मेड़ों को पकड़कर स्कूल जाते हुए

मोहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के ब्लॉक भांवरकोल अंतर्गत चांदपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय आजादी के 75 साल बाद भी अव्यवस्था बनी हुई है. इस विद्यालय के छात्र छात्राओं के साथ अध्यापकों को आने के लिए कोई रास्ता नहीं है. जिससे वे किसानों के खेतों की मेड़ों पर चलकर स्कूल पहुंचते हैं. इस कंपोजिट विद्यालय में बिना बिजली के प्रोजेक्ट ब्लूटूथ डिवाइस एवं वाईफाई डिवाइस लगाया गया है. जो केवल शोपीस में रखा हुआ है. यह स्थिति सरकार पर और शासन पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

कंपोजिट विद्यालय में रास्ता होने पर छात्राओं ने कही ये बातें, जबकि डीएम आर्यका अखौरी ने कहा मामला बेहद ही गंभीर

किसानों के खेतों में बने मेड़ों को बनाया रास्ता
इस कंपोजिट विद्यालय के बच्चों, अध्यापक और अध्यापिकाओं ने बताया कि इस बदहाल सड़क से ही हम लोगों को प्रतिदिन स्कूल आना जाना पड़ता है. जहां आज तक कोई रास्ता नहीं बन पाया है. इस वजह से हम लोगों को किसानों के खेतों में बने मेड़ों से होकर आना जाना पड़ता है. किसान भी कई बार आते जाते वक्त डांटते रहते हैं. लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में सड़क ना होने की वजह से हाथों में चप्पल लेकर विद्यालय आना पड़ता है. अधिक बारिश होने पर घुटना भर पानी आ जाता है. जिससे महिला अध्यापकों को काफी दिक्तत होती है. लोगों को हाथ में चप्पल लेकर जाना पड़ता है. इस भरे पानी में कभी कभी महिला अध्यापक और बच्चे गिर भी जाते हैं. जिससे पुनः घर लौट जाना पड़ता है. इसके बाद घर पर कपड़ा चेंज कर फिर स्कूल आना पड़ता है.

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गाजीपुर मोहम्मदाबाद तहसील के कंपोजिट विद्यालय के छात्र-छात्राएं स्कूल जाते हुए.

यह भी पढ़ें- मिड डे मील में नमक रोटी देने पर सस्पेंड प्रिंसिपल से लिपटकर रोए स्कूली बच्चे

गाजीपुर जिलाधिकारी ने कहा मामला बेहद ही गंभीर
कंपोजिट विद्यालय के अध्यापक और अध्यापिकाओं ने बताया कि इस मामले को हम लोगों ने गाजीपुर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी (DM Aryaka Akhouri) से शिकायत की. शिकायत के बाद डीएम ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है. मैं बीएसए से बात कर वहां बिजली और व्यवस्थाओं को तत्काल कराने का काम करूंगी. इसके अलावा सड़क से संबंधित समस्याओं को ग्राम प्रधान और तमाम लोगों से बात कर किया जाएगा. यदि किसी ने रास्ते पर अवैध कब्जा किया है, तो उसे भी मुक्त कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें- मदरसों के NEET परीक्षा पास छात्रों का होगा सम्मान: मंत्री धर्मपाल सिंह

गाजीपुरः जनपद के मोहम्मदाबाद तहसील (Mohammadabad Tehsil) क्षेत्र के विद्यालयों में जाने के लिए आज तक न सड़क बनी है, न ही बिजली पहुंच पाई है. इस विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं अध्यापक किसानों के खेतों की मेड़ों को पकड़कर स्कूल जाते हैं. इसके अलावा इस कंपोजिट विद्यालय पर बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट ब्लूटूथ डिवाइस एवं वाईफाई डिवाइस लगाया गया है. ये सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शोपीस बनकर रह गया है. वही हैंडपंप में लगाए गए सबमर्सिबल पंप भी नहीं चलता है.

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विद्यालय के छात्र-छात्राएं किसानों के खेतों की मेड़ों को पकड़कर स्कूल जाते हुए

मोहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के ब्लॉक भांवरकोल अंतर्गत चांदपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय आजादी के 75 साल बाद भी अव्यवस्था बनी हुई है. इस विद्यालय के छात्र छात्राओं के साथ अध्यापकों को आने के लिए कोई रास्ता नहीं है. जिससे वे किसानों के खेतों की मेड़ों पर चलकर स्कूल पहुंचते हैं. इस कंपोजिट विद्यालय में बिना बिजली के प्रोजेक्ट ब्लूटूथ डिवाइस एवं वाईफाई डिवाइस लगाया गया है. जो केवल शोपीस में रखा हुआ है. यह स्थिति सरकार पर और शासन पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

कंपोजिट विद्यालय में रास्ता होने पर छात्राओं ने कही ये बातें, जबकि डीएम आर्यका अखौरी ने कहा मामला बेहद ही गंभीर

किसानों के खेतों में बने मेड़ों को बनाया रास्ता
इस कंपोजिट विद्यालय के बच्चों, अध्यापक और अध्यापिकाओं ने बताया कि इस बदहाल सड़क से ही हम लोगों को प्रतिदिन स्कूल आना जाना पड़ता है. जहां आज तक कोई रास्ता नहीं बन पाया है. इस वजह से हम लोगों को किसानों के खेतों में बने मेड़ों से होकर आना जाना पड़ता है. किसान भी कई बार आते जाते वक्त डांटते रहते हैं. लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में सड़क ना होने की वजह से हाथों में चप्पल लेकर विद्यालय आना पड़ता है. अधिक बारिश होने पर घुटना भर पानी आ जाता है. जिससे महिला अध्यापकों को काफी दिक्तत होती है. लोगों को हाथ में चप्पल लेकर जाना पड़ता है. इस भरे पानी में कभी कभी महिला अध्यापक और बच्चे गिर भी जाते हैं. जिससे पुनः घर लौट जाना पड़ता है. इसके बाद घर पर कपड़ा चेंज कर फिर स्कूल आना पड़ता है.

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गाजीपुर मोहम्मदाबाद तहसील के कंपोजिट विद्यालय के छात्र-छात्राएं स्कूल जाते हुए.

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गाजीपुर जिलाधिकारी ने कहा मामला बेहद ही गंभीर
कंपोजिट विद्यालय के अध्यापक और अध्यापिकाओं ने बताया कि इस मामले को हम लोगों ने गाजीपुर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी (DM Aryaka Akhouri) से शिकायत की. शिकायत के बाद डीएम ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है. मैं बीएसए से बात कर वहां बिजली और व्यवस्थाओं को तत्काल कराने का काम करूंगी. इसके अलावा सड़क से संबंधित समस्याओं को ग्राम प्रधान और तमाम लोगों से बात कर किया जाएगा. यदि किसी ने रास्ते पर अवैध कब्जा किया है, तो उसे भी मुक्त कराया जाएगा.

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