गाजीपुर: मुख्तार अंसारी पर साल 2001 में हुए उसरी चट्टी हमले को लेकर हाइकोर्ट ने लोअर कोर्ट में ट्रायल होने पर रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता त्रिभुवन सिंह ने हाइकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि मुख्तार और उनके भाई बेहद प्रभावशाली है, ऐसे में केस का फेयर ट्रायल गाजीपुर कोर्ट में होना संभव नही है. इस मामले पर मुख्तार अंसारी के भाई और ग़ाज़ीपुर सांसद ने इन सब आरोप को खारिज करते हुए इस मामले में हाईकोर्ट में फिर से अपील करने की बात की है.
बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि भाई मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एक कोर्ट से ही 10 साल की सजा हुई है. यह आरोप बिल्कुल मिथ्या है कि वह और उनके परिजन उसरी चट्टी गोलीकांड केस को प्रभावित कर सकते हैं. अफजाल अंसारी ने बताया कि कानून का लाभ उठाकर आरोपियों में से एक त्रिभुवन सिंह ने इस मामले में याचिका दायर करके उसरी चट्ट कांड कांड में अलवर कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर स्टे ले लिया है. अगर इस मामले में यह आरोप लग रहा है कि मुख्तार अंसारी के भाई गाजीपुर के सांसद हैं, भतीजे और बेटे विधायक हैं जिसके कारण गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट में केस की सुनवाई प्रभावित हो सकती है तो यह सत्य नहीं है.
बृजेश सिंह के भतीजे सत्तारूढ़ दल बीजेपी के एमएलए हैं. अफजाल अंसारी ने यह भी बताया कि इस मामले में पिछली तारीख में गवाह अफरोज ने गवाही दी है. इससे पूर्व 3 गवाहों ने भी इस बात की तस्दीक की है कि उसरी गोली कांड के समय अफरोज पिछले गाड़ी की अगली सीट पर बैठा था.
अफजाल अंसारी ने यह भी बताया कि जिस एमपी एमएलए कोर्ट में उसरी गोली कांड विचाराधीन है, उसकी कोर्ट ने पिछले दिनों गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्पीडी ट्रायल के लिए उसरी गोलीकाण्ड का मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन था. मुख्तार अंसारी न्यायिक अभिरक्षा में है. उसरी कांड में पिछली 4 तारीख से कोर्ट के आदेश के बावजूद भी अभियोजन और सरकारी महकमा मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश नहीं करा पा रहा है. ऐसे में तमाम आशंकाएं जेहन में आना स्वाभविक है.
उसरी चट्टी कांड को लेकर मीडिया की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में अफजाल अंसारी ने बताया कि 1985 से वह सक्रिय राजनीति में है. मुहम्मदाबाद सीट से 5 बार विधायक रहे हैं. क्षेत्र की सामंती व्यवस्था के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई है. ऐसे में सामंती सोच के लोगों ने उनको और उनके परिजन को टारगेट किया. इसी का परिणाम उसरी गोली कांड भी है.
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