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छत्तीसगढ़ में बारूदी सुरंग फटने से शहीद बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गाजीपुर, परिवार के साथ पूरा गांव गमगीन - गाजीपुर शहीद जवान अंतिम विदाई

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग फटने से गाजीपुर का लाल शहीद (Tunnel blast Ghazipur soldier martyred) हो गया. पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंच चुका है. आज सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 16, 2023, 10:50 AM IST

शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव.

गाजीपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के प्रतापपुर इलाके के टोला गांव में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया. घटना में गाजीपुर के शेरपुर खुर्द गांव निवासी अखिलेश राय शहीद हो गए. शुक्रवार को बीएसएफ के रायपुर मुख्यालय पर बटालियन के अधिकारियों एवं छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी. रायपुर से जवान का पार्थिव शरीर हवाई जहाज से शुक्रवार की देर रात लखनऊ पहुंचा. इसके बाद गाजीपुर पुलिस लाइन से पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव शेरपुर खुर्द के लिए रवाना कर दिया गया. आज अंतिम संस्कार होना है.

छत्तीसगढ़ के रायपुर में थी तैनाती : अखिलेश राय वर्ष 2002 में बीएसएफ के 47वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. वर्तमान में उनकी तैनाती छत्तीसगढ़ के रायपुर में थी. स्थानीय पुलिस के साथ वह गश्त पर निकले थे. इस दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया. इसमें अखिलेश राय शहीद हो गए. शुक्रवार को जवान का पार्थिव शरीर लखनऊ पहुंचा. पुलिस लाइन से सम्मान के साथ पैतृक गांव शेरपुर खुर्द रवाना किया गया.शव गांव में पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई. जवान की बेटियां, पत्नी और मां दहाड़े मारकर रोने लगीं. परिवार का रोना देखकर गांव के लोगों की भी आंखें भर आईं. आज शहीद को अंतिम विदाई दी जाएगी.

परिवार को शहादत पर नाज : शेरपुर खुर्द गांव निवासी अखिलेश राय के पिता परमात्मा राय उर्फ झब्ब्न राय का लगभग 6 वर्ष पहले देहांत हो चुका है. बड़े भाई अंजलेश राय भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर नई दिल्ली में तैनात हैं. अखिलेश राय अपने पीछे तीन बेटिया श्रुति राय (16), जागृति (14), कृति (12), सबसे छोटे पुत्र अतुल कुमार राय (10) वर्ष को छोड़ा है. मां शारदा देवी, पत्नी बिन्धा राय का रो-रो कर बुरा हाल है. शनिवार को शहीद के अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार शेरपुर गंगा घाट स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा. शहीद के भाई पिंटू राय ने कहा कि अखिलेश हमारे बड़े भाई थे. वह चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ गए थे. नक्सलियों ने विस्फोटक सुरंग बिछा रखी थी. उस पर पैर पड़ने से ब्लास्ट हो गया. इसमें उनकी जान चली गई. घटना से पूरा परिवार सदमे में हैं. गर्व की बात यह है कि उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया. वहीं पुलिस पुलिस लाइन से गांव तक काफिले के साथ आए पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय ने कहा कि अखिलेश राय की शहादत गाजीपुर ही नहीं पूरा देश याद रखेगा.

यह भी पढ़ें : पथरी के गलत ऑपरेशन से युवक की मौत, चिकित्सक और नर्सिंग होम पर 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना

शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव.

गाजीपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के प्रतापपुर इलाके के टोला गांव में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया. घटना में गाजीपुर के शेरपुर खुर्द गांव निवासी अखिलेश राय शहीद हो गए. शुक्रवार को बीएसएफ के रायपुर मुख्यालय पर बटालियन के अधिकारियों एवं छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी. रायपुर से जवान का पार्थिव शरीर हवाई जहाज से शुक्रवार की देर रात लखनऊ पहुंचा. इसके बाद गाजीपुर पुलिस लाइन से पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव शेरपुर खुर्द के लिए रवाना कर दिया गया. आज अंतिम संस्कार होना है.

छत्तीसगढ़ के रायपुर में थी तैनाती : अखिलेश राय वर्ष 2002 में बीएसएफ के 47वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. वर्तमान में उनकी तैनाती छत्तीसगढ़ के रायपुर में थी. स्थानीय पुलिस के साथ वह गश्त पर निकले थे. इस दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया. इसमें अखिलेश राय शहीद हो गए. शुक्रवार को जवान का पार्थिव शरीर लखनऊ पहुंचा. पुलिस लाइन से सम्मान के साथ पैतृक गांव शेरपुर खुर्द रवाना किया गया.शव गांव में पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई. जवान की बेटियां, पत्नी और मां दहाड़े मारकर रोने लगीं. परिवार का रोना देखकर गांव के लोगों की भी आंखें भर आईं. आज शहीद को अंतिम विदाई दी जाएगी.

परिवार को शहादत पर नाज : शेरपुर खुर्द गांव निवासी अखिलेश राय के पिता परमात्मा राय उर्फ झब्ब्न राय का लगभग 6 वर्ष पहले देहांत हो चुका है. बड़े भाई अंजलेश राय भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर नई दिल्ली में तैनात हैं. अखिलेश राय अपने पीछे तीन बेटिया श्रुति राय (16), जागृति (14), कृति (12), सबसे छोटे पुत्र अतुल कुमार राय (10) वर्ष को छोड़ा है. मां शारदा देवी, पत्नी बिन्धा राय का रो-रो कर बुरा हाल है. शनिवार को शहीद के अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार शेरपुर गंगा घाट स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा. शहीद के भाई पिंटू राय ने कहा कि अखिलेश हमारे बड़े भाई थे. वह चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ गए थे. नक्सलियों ने विस्फोटक सुरंग बिछा रखी थी. उस पर पैर पड़ने से ब्लास्ट हो गया. इसमें उनकी जान चली गई. घटना से पूरा परिवार सदमे में हैं. गर्व की बात यह है कि उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया. वहीं पुलिस पुलिस लाइन से गांव तक काफिले के साथ आए पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय ने कहा कि अखिलेश राय की शहादत गाजीपुर ही नहीं पूरा देश याद रखेगा.

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