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बाढ़ में डूबी फसल, जान जोखिम में डालकर केला निकाल रहे किसान

यूपी के गाजीपुर में बाढ़ के पानी में करीब 500 बीघे केले की फसल डूब गई है. ऐसे में किसान जान जोखिम में डालकर केले को बचाने में लगे हुए हैं.

गाजीपुर में बाढ़ का कहर.
गाजीपुर में बाढ़ का कहर.
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Published : Aug 15, 2021, 9:39 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 10:45 PM IST

गाजीपुरः जिले में बाढ़ किसानों पर कहर बरपा रही है. जिले के रेवतीपुर ब्लाक के कई गांव के किसानों की मेहनत पर बाढ़ पानी फेर दिया है. किसान करीब 500 बीघा में केले की खेती किए हुए थे लेकिन मौजूदा समय में उनकी पूरी की पूरी खेत पानी में डूबकर फसल खराब हो चुकी है. बचे फसल को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर केले को काटकर बाढ़ के पानी से बाहर लाकर ओने पौने दाम पर बेचने को मजबूर है.

गाजीपुर में बाढ़ का कहर.

रेवतीपुर ब्लॉक के दर्जनों गांव में केले की फसल किसान लगाकर अपनी आय दोगुना करने में लगे हुए थे. इस ब्लॉक में करीब 500 बीघा केले की खेती की गई है. जिसमें बहुत सारे किसान तो अपनी खेतों में फसल लगाए हुए हैं, तो वही भूमिहीन किसान खेतों को पेशगी पर लेकर प्रति बीघा 80 से 1 लाख रुपया खर्च कर खेती किए हुए थे. लेकिन गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण इनके खेत पानी से पूरी तरह से डूब चुके हैं और अब इन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. ऐसे में पौधों में लगे केले को बाढ़ के पानी में डूबकर में डालकर बाहर निकाल रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-यहां एक हिंदू परिवार पलायन को मजबूर, जानें क्या है वजह...

एक किसान ने बताया कि 12 बीघे में केले की खेती की थी, जिसपर करीब 12 लाख रुपये लागत आई थी. लेकिन बाढ़ के पानी से सब कुछ खत्म हो गया. अब मात्र लागत मूल्य का 20 से 30 फीसदी निकल जाए तो बहुत है. किसान ने बताया कि सरकार ने फसल बीमा योजना चलाई जा रही है लेकिन विभाग के अधिकारियों के लेटलतीफी के चलते उनके फसल बीमा भी नहीं हो पाया है. ऐसे में इनके फसल का मुआवजा मिलना भी मुश्किल है. वहीं, जिला उद्यान अधिकारी शैलेंद्र दुबे ने बताया कि फसल बीमा के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई तक थी. लेकिन रेवती ब्लॉक के किसी भी किसान ने अपने फसल का बीमा नहीं कराया इसलिए इन्हें मुआवजा नहीं मिल पाएगा.

गाजीपुरः जिले में बाढ़ किसानों पर कहर बरपा रही है. जिले के रेवतीपुर ब्लाक के कई गांव के किसानों की मेहनत पर बाढ़ पानी फेर दिया है. किसान करीब 500 बीघा में केले की खेती किए हुए थे लेकिन मौजूदा समय में उनकी पूरी की पूरी खेत पानी में डूबकर फसल खराब हो चुकी है. बचे फसल को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर केले को काटकर बाढ़ के पानी से बाहर लाकर ओने पौने दाम पर बेचने को मजबूर है.

गाजीपुर में बाढ़ का कहर.

रेवतीपुर ब्लॉक के दर्जनों गांव में केले की फसल किसान लगाकर अपनी आय दोगुना करने में लगे हुए थे. इस ब्लॉक में करीब 500 बीघा केले की खेती की गई है. जिसमें बहुत सारे किसान तो अपनी खेतों में फसल लगाए हुए हैं, तो वही भूमिहीन किसान खेतों को पेशगी पर लेकर प्रति बीघा 80 से 1 लाख रुपया खर्च कर खेती किए हुए थे. लेकिन गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण इनके खेत पानी से पूरी तरह से डूब चुके हैं और अब इन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. ऐसे में पौधों में लगे केले को बाढ़ के पानी में डूबकर में डालकर बाहर निकाल रहे हैं.

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एक किसान ने बताया कि 12 बीघे में केले की खेती की थी, जिसपर करीब 12 लाख रुपये लागत आई थी. लेकिन बाढ़ के पानी से सब कुछ खत्म हो गया. अब मात्र लागत मूल्य का 20 से 30 फीसदी निकल जाए तो बहुत है. किसान ने बताया कि सरकार ने फसल बीमा योजना चलाई जा रही है लेकिन विभाग के अधिकारियों के लेटलतीफी के चलते उनके फसल बीमा भी नहीं हो पाया है. ऐसे में इनके फसल का मुआवजा मिलना भी मुश्किल है. वहीं, जिला उद्यान अधिकारी शैलेंद्र दुबे ने बताया कि फसल बीमा के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई तक थी. लेकिन रेवती ब्लॉक के किसी भी किसान ने अपने फसल का बीमा नहीं कराया इसलिए इन्हें मुआवजा नहीं मिल पाएगा.

Last Updated : Aug 15, 2021, 10:45 PM IST
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