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मस्जिदों में अजान पर रोक, हाईकोर्ट में 4 मई को होगी सुनवाई - prayagraj news

गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने लाउडस्पीकर से मस्जिदों में अजान पर रोक लगाने के खिलाफ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की थी. इसके बाद अब हाईकोर्ट ने मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

allahabad high court
सांसद अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की थी
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Published : May 1, 2020, 11:19 AM IST

प्रयागराज: मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने पत्र लिखकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी.इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. याचिका को सुनवाई के लिए 4 मई को पेश करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय से कहा है कि वह मुख्य स्थायी अधिवक्ता को याचिका के पेपर उपलब्ध कराए.

अफजाल अंसारी का पत्र

सांसद अंसारी ने लाउडस्पीकर से मस्जिदों में अजान पर रोक लगाने के डीएम गाजीपुर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की थी. सांसद अंसारी ने अपने पत्र में कहा है कि डीएम का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है. सांसद ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से देश की जनता परेशान है. गाजीपुर जिला का प्रत्येक नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहा है. लोग यहां अपने-अपने घरों में नमाज पढ रहे हैं, लेकिन डीएम ने अपने मौखिक निर्देश से जिले में अजान पर रोक लगा दी है, जो गलत है. पत्र का संज्ञान लेकर हाईकोर्ट से उचित कार्रवाई करें.

सरकार ने क्या कहा

सरकार की तरफ से कहा गया कि जिला अधिकारी ने मार्च से ही केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के तहत सभी प्रकार के सामूहिक धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई हुई है. यह रोक रामनवमी, अम्बेडकर जयन्ती, ईस्टर और नमाज आदि सारे कार्यक्रम पर लगा हुआ है. गाजीपुर में भी कोरोना के ममले सामने आए हैं. जिले में कही पर भी भीड़ इकट्ठी ना हो इसलिए कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है.

प्रयागराज: मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने पत्र लिखकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी.इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. याचिका को सुनवाई के लिए 4 मई को पेश करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय से कहा है कि वह मुख्य स्थायी अधिवक्ता को याचिका के पेपर उपलब्ध कराए.

अफजाल अंसारी का पत्र

सांसद अंसारी ने लाउडस्पीकर से मस्जिदों में अजान पर रोक लगाने के डीएम गाजीपुर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की थी. सांसद अंसारी ने अपने पत्र में कहा है कि डीएम का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है. सांसद ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से देश की जनता परेशान है. गाजीपुर जिला का प्रत्येक नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहा है. लोग यहां अपने-अपने घरों में नमाज पढ रहे हैं, लेकिन डीएम ने अपने मौखिक निर्देश से जिले में अजान पर रोक लगा दी है, जो गलत है. पत्र का संज्ञान लेकर हाईकोर्ट से उचित कार्रवाई करें.

सरकार ने क्या कहा

सरकार की तरफ से कहा गया कि जिला अधिकारी ने मार्च से ही केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के तहत सभी प्रकार के सामूहिक धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई हुई है. यह रोक रामनवमी, अम्बेडकर जयन्ती, ईस्टर और नमाज आदि सारे कार्यक्रम पर लगा हुआ है. गाजीपुर में भी कोरोना के ममले सामने आए हैं. जिले में कही पर भी भीड़ इकट्ठी ना हो इसलिए कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है.

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