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गाजीपुर: स्वास्थ्य विभाग के 53 लिपिकों में से 36 का तबादला, लिपिकों ने बताया नियम विरूद्ध, धरने पर बैठे

ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों ने कहा कि जिन 36 लिपिकों का तबादला किया गया है, उनमें एक दिव्यांग कर्मचारी जो विधवा भी है, शामिल है. कर्मचारी की स्थिति का भी ख्याल नहीं रखा गया.

गाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग के 53 लिपिकों में से 36 का तबादला, लिपिकों ने बताया नियम विरूद्ध, धरने पर बैठे
गाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग के 53 लिपिकों में से 36 का तबादला, लिपिकों ने बताया नियम विरूद्ध, धरने पर बैठे
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Published : Jul 19, 2021, 7:35 PM IST

गाजीपुर : स्वास्थ्य विभाग में 3 दिन पूर्व हुए लिपिक संवर्ग के तबादलों से लिपिक संवर्ग एसोसिएशन काफी नाराज है. उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर सभी लिपिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर सोमवार से कार्य बहिष्कार कर धरने पर चले गए हैं.

इन लोगों का कहना है कि सभी ट्रांसफर नियमों को ताक पर रखकर किए गए हैं. इन्हें तत्काल वापस लिया जाए अन्यथा वे लोग धरना-प्रदर्शन और उग्र कर देंगे. इसे लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर सुबह से ही लिपिक संवर्ग कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया.

एक साथ 53 लिपिकों में से 36 का तबादला, आहत लिपिक धरने पर बैठे

यह भी पढ़ें : ब्राह्मण बंधुआ मजदूर नहीं है कि जब चाहे उसे अड्डे पर बुला लिया: जेडीयू

ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों में एक दिव्यांग कर्मचारी जो विधवा भी है, शामिल है. कर्मचारी की स्थिति का भी ख्याल नहीं रखा गया. यहां तक कि जिस कर्मचारी के रिटायरमेंट को 6 महीने बाकी हैं, उनका भी जबरन ट्रांसफर कर दिया गया.

संगठन के जिला अध्यक्ष अमित राय ने बताया कि विभाग का आईएएस अधिकारी जो दक्षिण भारत का रहने वाला है, वह दक्षिण भारत की कार्य पद्धति ही यहां लागू करना चाहता है, इसलिए मनमानी पर उतारू है. वह योगी सरकार को बदनाम करने की नीयत से इस तरह का तबादला कर रहा है ताकि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी योगी सरकार के विरोध में आ जाएं.

बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक 10% और मंत्री के हस्तक्षेप पर 20% कर्मचारीयों का ही एक बार में तबादला किया जा सकता है. इस बार 70% से ऊपर कर्मचारियों का तबादला किया गया है. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को कोरोना काल में समर्पित भाव से काम करने का यही इनाम मिल रहा है.

गाजीपुर : स्वास्थ्य विभाग में 3 दिन पूर्व हुए लिपिक संवर्ग के तबादलों से लिपिक संवर्ग एसोसिएशन काफी नाराज है. उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर सभी लिपिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर सोमवार से कार्य बहिष्कार कर धरने पर चले गए हैं.

इन लोगों का कहना है कि सभी ट्रांसफर नियमों को ताक पर रखकर किए गए हैं. इन्हें तत्काल वापस लिया जाए अन्यथा वे लोग धरना-प्रदर्शन और उग्र कर देंगे. इसे लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर सुबह से ही लिपिक संवर्ग कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया.

एक साथ 53 लिपिकों में से 36 का तबादला, आहत लिपिक धरने पर बैठे

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ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों में एक दिव्यांग कर्मचारी जो विधवा भी है, शामिल है. कर्मचारी की स्थिति का भी ख्याल नहीं रखा गया. यहां तक कि जिस कर्मचारी के रिटायरमेंट को 6 महीने बाकी हैं, उनका भी जबरन ट्रांसफर कर दिया गया.

संगठन के जिला अध्यक्ष अमित राय ने बताया कि विभाग का आईएएस अधिकारी जो दक्षिण भारत का रहने वाला है, वह दक्षिण भारत की कार्य पद्धति ही यहां लागू करना चाहता है, इसलिए मनमानी पर उतारू है. वह योगी सरकार को बदनाम करने की नीयत से इस तरह का तबादला कर रहा है ताकि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी योगी सरकार के विरोध में आ जाएं.

बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक 10% और मंत्री के हस्तक्षेप पर 20% कर्मचारीयों का ही एक बार में तबादला किया जा सकता है. इस बार 70% से ऊपर कर्मचारियों का तबादला किया गया है. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को कोरोना काल में समर्पित भाव से काम करने का यही इनाम मिल रहा है.

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