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गाजीपुर में बोले मनोज सिन्हा- हार का कोई बाप नहीं होता, जीत के अनेक पिता होते हैं

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मोहम्मदाबाद शहीद पार्क में कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि मनाई गई. श्रद्धांजलि सभा में पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने शिरकत की.

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कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि.
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Published : Nov 29, 2019, 10:28 PM IST

गाजीपुर: जिले के मोहम्मदाबाद शहीद पार्क में कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि मनाई गई. शहादत दिवस में शिरकत करने पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पहुंचे. वहीं राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की.

कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में लगातार एक के बाद एक मिल रही शिकस्त पर मनोज सिन्हा ने कहा कि हार का कोई बाप नहीं होता, जीत के अनेक पिता होते हैं. बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि 2019 में गाजीपुर के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए मुस्लिम देशों से फंडिंग हुई थी. ऐसे ही मुस्लिम देशों से सह पाने वाले लोगों ने कृष्णानंद राय की हत्या कराई थी.

कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि मनाई गई.

दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है याचिका
मनोज सिन्हा ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत ने जिन लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था, उन्हें मुकदमे में बरी कर दिया गया. सीबीआई और अलका राय की तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया है. 28 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. सीबीआई ने जिन लोगों को अभियुक्त माना है, उनमें से चार उपस्थित थे और 3 लोग अनुपस्थित थे.

सीबीआई के वकील ने उच्च न्यायालय से किया है निवेदन
मनोज सिन्हा ने कहा कि अलका राय और सीबीआई के वकील ने माननीय उच्च न्यायालय से निवेदन किया है कि 20 दिसंबर के बाद इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई करके इसका निस्तारण किया जाए. इस दौरान उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा कि बैठे रहो पुकार गाओ, मेरा वैसा धर्म नहीं है, मैं हारी हूं बैठे रहना, मेरे कुल का कर्म नहीं है. पहले मैं मुकदमे में इतना समय नहीं दे पाता था, क्योंकि अन्य व्यवस्थाएं थी लेकिन अभी मुझे फुरसत है.

इसे भी पढ़ें:- नमक मिर्च के साथ धड़ल्ले से बिक रहा चटपटा जानलेवा 'जहर', हो सकता है कैंसर

गाजीपुर: जिले के मोहम्मदाबाद शहीद पार्क में कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि मनाई गई. शहादत दिवस में शिरकत करने पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पहुंचे. वहीं राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की.

कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में लगातार एक के बाद एक मिल रही शिकस्त पर मनोज सिन्हा ने कहा कि हार का कोई बाप नहीं होता, जीत के अनेक पिता होते हैं. बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि 2019 में गाजीपुर के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए मुस्लिम देशों से फंडिंग हुई थी. ऐसे ही मुस्लिम देशों से सह पाने वाले लोगों ने कृष्णानंद राय की हत्या कराई थी.

कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि मनाई गई.

दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है याचिका
मनोज सिन्हा ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत ने जिन लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था, उन्हें मुकदमे में बरी कर दिया गया. सीबीआई और अलका राय की तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया है. 28 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. सीबीआई ने जिन लोगों को अभियुक्त माना है, उनमें से चार उपस्थित थे और 3 लोग अनुपस्थित थे.

सीबीआई के वकील ने उच्च न्यायालय से किया है निवेदन
मनोज सिन्हा ने कहा कि अलका राय और सीबीआई के वकील ने माननीय उच्च न्यायालय से निवेदन किया है कि 20 दिसंबर के बाद इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई करके इसका निस्तारण किया जाए. इस दौरान उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा कि बैठे रहो पुकार गाओ, मेरा वैसा धर्म नहीं है, मैं हारी हूं बैठे रहना, मेरे कुल का कर्म नहीं है. पहले मैं मुकदमे में इतना समय नहीं दे पाता था, क्योंकि अन्य व्यवस्थाएं थी लेकिन अभी मुझे फुरसत है.

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Intro:कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में मनोज सिन्हा ने कहा हार का कोई बाप नहीं होता, जीत के अनेक पिता होते

गाजीपुर। खबर गाजीपुर से है। जहाँ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद शहीद पार्क में स्व.कृष्णानंद राय की 14वीं पुण्यतिथि मनायी गयी। शहादत दिवस में शिरकत करने पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पहुंचे। राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला भी श्रद्धांजलि दी। वही कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में लगातार एक के बाद एक मिल रही शिकस्त पर मनोज सिन्हा ने कहा कि हार का कोई बाप नहीं होता, जीत के अनेक पिता होते हैं। बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि 2019 में गाजीपुर का लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए मुस्लिम देशों से फंडिंग हुई। ऐसी ही मुस्लिम देशों से सह पाने वाले लोगों ने कृष्णानंद राय की हत्या कराई हैं।


Body:मंच से पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि हार का कोई बाप नहीं होता, जीत के अनेक पिता होते हैं। सीबीआई की विशेष अदल ने जिन लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था उन्हें मुकदमे में बरी कर दिया। सीबीआई और अलका राय की तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। जिसे माननीय न्यायालय ने स्वीकार किया है। 28 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सीबीआई ने जिन लोगों को अभियुक्त माना है। उनमें चार उपस्थित और 3 लोग अनुपस्थित थे।

वहीं उन्होंने कहा कि अलका राय और सीबीआई के वकील ने माननीय उच्च न्यायालय से निवेदन किया है। 20 दिसंबर के बाद इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई करके इसका निस्तारण किया जाए। इस दौरान उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा कि बैठे रहो पुकार गाओ, मेरा वैसा धर्म नहीं है ,मैं हारी हूं बैठे रहना, मेरे कुल का कर्म नहीं है। पहले मैं मुकदमे में इतना समय नहीं दे पाता था क्योंकि अन्य व्यवस्थाएं थी लेकिन अभी मुझे फुरसत है।

Conclusion:वही बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि मेरे पास पुख्ता प्रमाण है। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम देशों से पैसे आए थे। उसके आधार पर गाजीपुर का चुनाव प्रभावित किया गया। ऐसी ही लोग जो मुस्लिम देशों से लाभान्वित होते रहे शह पाते रहे। उन्हीं लोगों ने कृष्णानंद राय और उनके साथियों की हत्या की है।

बाइट - मनोज सिन्हा ( पूर्व रेल राज्य मंत्री )
बाइक - वीरेंद्र सिंह मस्त ( सांसद बलिया )

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590960
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