गाजियाबाद: जिला की ट्रैफिक पुलिस ने 35 बसों को सीज कर दिया है. इन बसों के मालिकों के पास न तो परमिट थे और न ही जरूरी कागजात. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर ये बसें लगातार सड़कों पर दौड़ रही थीं. यात्री इन बसों में सवार होकर आते-जाते थे. इन बसों को इस तरह रंगा जाता था ताकि यह बसें रोडवेज बसों की तरह दिखाई दें.
गाजियाबाद से दूसरे जिलों के लिए अलग-अलग रूट पर यह बसें चल रही थीं, जिनकी शिकायत लंबे समय से ट्रैफिक पुलिस को मिल रही थी. इन बसों पर कार्रवाई करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अभियान चलाया, जिसमें शुरुआत में 35 बसें सीज कर दी गई हैं. यात्रियों द्वारा यह भी शिकायत मिली थी कि इन बसों में मनमाना किराया वसूला जाता है और यात्रियों से गलत तरीके से व्यवहार किया जाता है.
महिलाएं भी इन बसों में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती हैं. इन बसों के जरूरी दस्तावेज नहीं होने से इनमें यात्री खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते हैं. बसों में मानकों का भी पूरी तरह से उल्लंघन किया जा रहा है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आगे भी इस तरह की बसों को चिन्हित करके उन्हें सीज करने का काम किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- RRTS कॉरिडोर का पहला स्पेशल स्टील स्पैन गाजियाबाद में सफलतापूर्वक स्थापित
कुछ बस संचालक अपनी बसों को इस तरह से पेंट करवाते हैं, जिससे वह दूर से देखने पर रोडवेज की बस की तरह लगती हैं. यात्री गलती से इसी वजह से बसों में सवार जाते हैं और उनसे जबरन अतिरिक्त किराया वसूला जाता है.
यही नहीं मानकों के अनुरूप जितनी संख्या इन बसों में यात्रियों की होनी चाहिए उससे अधिक संख्या में यात्री भर लिए जाते हैं. इन बसों को डग्गामार बसें भी कहते हैं. यह निर्धारित रूट के अलावा गलत रूट से भी चला दी जाती हैं, जिससे कॉलोनी के भीतर के लोगों की जिंदगी भी कई बार खतरे में डाल दी जाती है. इस तरह की बसों पर कार्रवाई होना बेहद जरूरी है. ट्रैफिक एसपी रामानंद कुशवाहा का कहना है कि आगे भी इस तरह के डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई की जाती रहेगी.