गाजियाबादः दिल्ली-गाजियाबाद की सीमा पर आंदोलन में बैठे किसान सुभाष चंद्र अपनी बेटी की सगाई में भी शामिल नहीं होंगे. गुरुवार को अमरोहा में उनकी बेटी का लग्न रिश्ता, और सगाई है. सुभाष चंद्र का कहना है कि वीडियो कॉलिंग के माध्यम से ही बेटी का लग्न रिश्ता देखेंगे, लेकिन आंदोलन खत्म होने से पहले घर नहीं जाएंगे. अगले हफ्ते बेटी की शादी भी है. सुभाष चंद्र ने साफ कर दिया है कि शादी में भी तभी जा पाएंगे, जब आंदोलन खत्म होगा.
अंतिम सांस तक आंदोलन करेंगे
गुरुवार को सरकार और किसानों की वार्ता होनी है. अगर वार्ता सफल नहीं हुई तो बॉर्डर पर किसान भड़क सकते हैं. उन्होंने पहले ही चेतावनी दे दी है. ऐसे में हर एक किसान की मौजूदगी उनके आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण है. इसी वजह से सुभाष चंद्र ने बेटी की शादी से ज्यादा प्राथमिकता आंदोलन को दी है. किसानों का कहना है कि ये एक क्रांति है. इस क्रांति में अपना हक लेकर रहेंगे.
बेटी का आया था फोन
बेटी का फोन भी सुभाष चंद्र के पास आया था. सुभाष ने बेटी से कहा कि वो वीडियो कॉल से समारोह का हिस्सा बनेंगे. जाहिर है किसान इस आंदोलन के लिए बड़े-बड़े बलिदान देने को तैयार हैं. सुभाष चंद्र का बेटी की लग्न-सगाई से दूर रहना भी बड़े बलिदान से कम नहीं है.