नई दिल्ली: देश की राजधानी के चार व्यस्ततम इलाकों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट को करीब 12 साल बीत चुके हैं. वहीं एक दशक बाद जब भी इस धमाके का जिक्र होता है तो लोग सिहर उठते हैं. इस धमाके की वजह से अपनों को खोने वाले परिवारों का दर्द भी बरबस ही छलक उठता है.
दिल्ली में चार जगहों पर हुए थे धमाके
दरअसल, 13 सितंबर 2008 की शाम दिल्ली के चार अलग-अलग जगहों पर बम धमाके हुए थे. इसमें करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. पहला धमाका गफ्फार मार्केट में हुआ था, जिसमें करीब 20 लोग घायल हुए थे, वहीं दूसरा धमाका तुरंत बाद कनॉट प्लेस के पास हुआ और तीसरा, चौथा धमाका ग्रेटर कैलाश 1 के एम ब्लॉक मार्केट के पास हुआ था.
31 मिनट में हुए चार सीरियल ब्लास्ट
13 सितंबर की शाम 6 बजकर 7 मिनट से लेकर 6 बजकर 38 मिनट तक का वक्त दिल दहला देने वाला था. 6 बजकर 7 मिनट पर पहला धमाका गफ्फार मार्केट में हुआ था, जिसके तुरंत बाद ही दूसरा धमाका कनॉट प्लेस के पास और फिर 6.37 और 6.38 पर तीसरा और चौथा धमाका ग्रेटर कैलाश-1 के एम ब्लॉक मार्केट में हुआ था.
इंडियन मुजाहिद्दीन ने भेजा था ई-मेल
बताया जाता है कि इस धमाके को लेकर इंडियन मुजाहिद्दीन की ओर से बड़े टीवी चैनल्स को ई-मेल भी भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि अगर रोक सको तो धमाका रोक लो. हालांकि राहत की बात ये थी कि इंडिया गेट के पास लगे बम को डिफ्यूज कर दिया गया था. वहीं इन बम धमाकों को रोकने की कार्रवाई में कुल 4 बमों को डिफ्यूज किया गया था.