ETV Bharat / state

श्मशान घाट हादसा : मसीहा बनकर सामने आए युवा, कंबल को स्ट्रेचर बना कर बचाई जिंदगियां

मुरादनगर श्मशान घाट हादसे की सूचना मिलते ही क्षेत्र के रहने वाले कुछ युवक मसीहा बनकर घटनास्थल पर पहुंचे और वहां से आनन-फानन में मलबे में दबे लोगों को समय रहते बाहर निकाला और जान बचाई. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मसीहा बनकर सामने आए युवकों से की खास बातचीत की.

ghaziabad special story
श्मशान घाट हादसा.
author img

By

Published : Jan 7, 2021, 3:40 AM IST

गाजियाबाद: गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर करीब 25 लोगों की मौत हो गई और 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. श्मशान में गलियारे का निर्माण घटिया निर्माण सामग्री से किया जा रहा था. जिससे साफ तौर पर यह पता चलता है कि श्मशान घाट का निर्माण करने वाले अधिकारियों और ठेकेदार ने तो सैकड़ों जान लेने की तैयारी पूरी कर रखी थी, लेकिन कहा जाता है कि मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है.

स्पेशल रिपोर्ट...
ईटीवी भारत ने की युवकों से खास बातचीत

मुरादनगर श्मशान घाट हादसे की सूचना मिलते ही क्षेत्र के रहने वाले कुछ युवक मसीहा बनकर घटनास्थल पर पहुंचे और वहां से आनन-फानन में मलबे में दबे लोगों को समय रहते बाहर निकाला और जान बचाई. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मसीहा बनकर सामने आए युवकों से खास बातचीत की. ईटीवी भारत को मुरादनगर निवासी गुलशन राजपूत ने बताया कि श्मशान घाट में हादसा होते ही उनको सूचना मिली तो वह मोटरसाइकिल से झटपट घटनास्थल की ओर दौड़े, जहां पर लिंटर के नीचे दबे लोग चीख पुकार रहे थे. इसके बाद उन्होंने पुलिस की मदद से लिंटर के नीचे दबे लोगों को निकाला और मौके पर स्ट्रेचर न होने के हालात में उन्होंने अपनी शाल उतार कर उसको स्ट्रेचर का आकार देकर 4 से 5 लोगों को एंबुलेंस तक पहुंचाया.


घायलों को अस्पताल में कराया भर्ती

ईटीवी भारत को स्थानीय युवक सुधीर कुमार ने बताया कि वह अपने घर के बाहर खड़े थे. जहां उन्होंने घायलों को अपने घर के बाहर से ले जाते हुए देखा, जिसके बाद वह तुरंत मौके पर पहुंचे और मुरादनगर थाना अध्यक्ष के साथ मिलकर घायलों को अपने कंधे पर लादकर एंबुलेंस तक पहुंचाया.

गाजियाबाद: गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर करीब 25 लोगों की मौत हो गई और 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. श्मशान में गलियारे का निर्माण घटिया निर्माण सामग्री से किया जा रहा था. जिससे साफ तौर पर यह पता चलता है कि श्मशान घाट का निर्माण करने वाले अधिकारियों और ठेकेदार ने तो सैकड़ों जान लेने की तैयारी पूरी कर रखी थी, लेकिन कहा जाता है कि मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है.

स्पेशल रिपोर्ट...
ईटीवी भारत ने की युवकों से खास बातचीत

मुरादनगर श्मशान घाट हादसे की सूचना मिलते ही क्षेत्र के रहने वाले कुछ युवक मसीहा बनकर घटनास्थल पर पहुंचे और वहां से आनन-फानन में मलबे में दबे लोगों को समय रहते बाहर निकाला और जान बचाई. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मसीहा बनकर सामने आए युवकों से खास बातचीत की. ईटीवी भारत को मुरादनगर निवासी गुलशन राजपूत ने बताया कि श्मशान घाट में हादसा होते ही उनको सूचना मिली तो वह मोटरसाइकिल से झटपट घटनास्थल की ओर दौड़े, जहां पर लिंटर के नीचे दबे लोग चीख पुकार रहे थे. इसके बाद उन्होंने पुलिस की मदद से लिंटर के नीचे दबे लोगों को निकाला और मौके पर स्ट्रेचर न होने के हालात में उन्होंने अपनी शाल उतार कर उसको स्ट्रेचर का आकार देकर 4 से 5 लोगों को एंबुलेंस तक पहुंचाया.


घायलों को अस्पताल में कराया भर्ती

ईटीवी भारत को स्थानीय युवक सुधीर कुमार ने बताया कि वह अपने घर के बाहर खड़े थे. जहां उन्होंने घायलों को अपने घर के बाहर से ले जाते हुए देखा, जिसके बाद वह तुरंत मौके पर पहुंचे और मुरादनगर थाना अध्यक्ष के साथ मिलकर घायलों को अपने कंधे पर लादकर एंबुलेंस तक पहुंचाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.