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IMT कॉलेज को GDA का नोटिस, 15 दिनों में जमीन खाली करने का निर्देश - आईएमटी कॉलेज की अवैध जमीन का लाइसेंस रद्द

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि आईएमटी कॉलेज के खिलाफ नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने शिकायत की थी. जो जांच करने के बाद सही पाई गई.

IMT कॉलेज को 15 दिनों के भीतर कब्जाई जमीन खाली करने का निर्देश
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Published : May 30, 2019, 1:42 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आईएमटी कॉलेज द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन का लाइसेंस निरस्त करने के बाद अब जिले की राजनीति गरमा गई है. बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे अभी वर्तमान में आईएमटी कॉलेज के डायरेक्टर हैं.

IMT कॉलेज को जमीन खाली करने के निर्देश.


राजेंद्र त्यागी ने की शिकायत
पूरे मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि आईएमटी कॉलेज के खिलाफ नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने शिकायत की थी. जो जांच करने के बाद सही पाई गई. इस संबंध में आईएमटी कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को खाली करने का निर्देश दिया गया है.

लाइसेंस निरस्त किया
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई गई कमेटी ने भी माना है कि आईएमटी कॉलेज ने लगभग साढ़े 10 हजार वर्ग गज जमीन अवैध रूप से कब्जाई है. इसी आधार पर जीडीए ने आईएमटी कॉलेज की अवैध जमीन का लाइसेंस निरस्त किया है.

वहीं आईएमटी कॉलेज जमीन घोटाले मामले के शिकायतकर्ता राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जीडीए ने सिर्फ अवैध कब्जे वाली जमीन मामले पर ही कार्रवाई की है, जबकि असली मामला यह है कि जिस जमीन पर आईएमटी कॉलेज बना है, वह जमीन लाला लाजपत राय सोसायटी ट्रस्ट के नाम पर है और इस जमीन के कागज मेरठ यूनिवर्सिटी में बंधक रखे हैं.

मेरठ यूनिवर्सिटी ने जांच समिति बनाई
राजेंद्र त्यागी ने कहा कि इस जमीन का आवंटन नॉन प्रॉफिटेबल महाविद्यालय बनाने के लिए किया गया था, लेकिन यहां पर प्रोफेशनल कॉलेज बनाकर छात्रों से भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले पर मेरठ यूनिवर्सिटी ने भी चार सदस्यों की जांच समिति बनाई है, जो पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आईएमटी कॉलेज द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन का लाइसेंस निरस्त करने के बाद अब जिले की राजनीति गरमा गई है. बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे अभी वर्तमान में आईएमटी कॉलेज के डायरेक्टर हैं.

IMT कॉलेज को जमीन खाली करने के निर्देश.


राजेंद्र त्यागी ने की शिकायत
पूरे मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि आईएमटी कॉलेज के खिलाफ नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने शिकायत की थी. जो जांच करने के बाद सही पाई गई. इस संबंध में आईएमटी कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को खाली करने का निर्देश दिया गया है.

लाइसेंस निरस्त किया
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई गई कमेटी ने भी माना है कि आईएमटी कॉलेज ने लगभग साढ़े 10 हजार वर्ग गज जमीन अवैध रूप से कब्जाई है. इसी आधार पर जीडीए ने आईएमटी कॉलेज की अवैध जमीन का लाइसेंस निरस्त किया है.

वहीं आईएमटी कॉलेज जमीन घोटाले मामले के शिकायतकर्ता राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जीडीए ने सिर्फ अवैध कब्जे वाली जमीन मामले पर ही कार्रवाई की है, जबकि असली मामला यह है कि जिस जमीन पर आईएमटी कॉलेज बना है, वह जमीन लाला लाजपत राय सोसायटी ट्रस्ट के नाम पर है और इस जमीन के कागज मेरठ यूनिवर्सिटी में बंधक रखे हैं.

मेरठ यूनिवर्सिटी ने जांच समिति बनाई
राजेंद्र त्यागी ने कहा कि इस जमीन का आवंटन नॉन प्रॉफिटेबल महाविद्यालय बनाने के लिए किया गया था, लेकिन यहां पर प्रोफेशनल कॉलेज बनाकर छात्रों से भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले पर मेरठ यूनिवर्सिटी ने भी चार सदस्यों की जांच समिति बनाई है, जो पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगा.

Intro:गाजियाबाद : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा आईएमटी कॉलेज द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन का लाइसेंस निरस्त करने के बाद अब जिले की राजनीति गरमा गई है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे अभी वर्तमान में आईएमटी कॉलेज के डायरेक्टर हैं.


Body:इस पूरे मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि आईएमटी कॉलेज के खिलाफ नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने शिकायत की थी. जो जांच करने के बाद सही पाई गई. इस संबंध में आईएमटी कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को खाली करने का निर्देश दिया गया है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई गई कमेटी ने भी माना है कि आईएमटी कॉलेज ने लगभग साढे 10 हज़ार वर्ग गज जमीन अवैध रूप से कब्जाई है. इसी आधार पर जीडीए ने आईएमटी कॉलेज की अवैध जमीन का लाइसेंस निरस्त किया है.


Conclusion:वही आईएमटी कॉलेज जमीन घोटाले मामले के शिकायतकर्ता राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जीडीए ने सिर्फ अवैध कब्जे वाली जमीन मामले पर ही कार्रवाई की है. जबकि असली मामला यह है कि जिस जमीन पर आईएमटी कॉलेज बना है वह जमीन लाला लाजपत राय सोसायटी ट्रस्ट के नाम पर है और इस जमीन के कागज मेरठ यूनिवर्सिटी में बंधक रखे हैं. इस जमीन का आवंटन नॉन प्रॉफिटेबल महाविद्यालय बनाने के लिए किया गया था. लेकिन यहां पर प्रोफेशनल कॉलेज बनाकर छात्रों से भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है.उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले पर मेरठ यूनिवर्सिटी ने भी चार सदस्यों की जांच समिति बनाई है जो पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौपेगा.
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