गाजियाबाद: गाजियाबाद और दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच से आज बुरी खबर आई है. धरनास्थल पर लगाये गए शौचालय में किसान ने फांसी लगाई. किसान ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है. इसमें लिखा है कि जहां मैंने शरीर छोड़ा है, वहीं मेरा अंतिम संस्कार किया जाए. इसी को लेकर राकेश टिकैत का कहना है कि ये दुखद क्षण है और ये आंदोलन अब भावनात्मक रूप से किसान से जुड़ चुका है. किसानों के दिलो-दिमाग में यह बस गया है कि अब दिल्ली से कृषि बिलों को वापस करा कर ही लौटना है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि मंच से किसानों को समझाया जाएगा कि इस तरह की कोई कदम ना उठाया जाए.
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बता दें कि शुक्रवार को बागपत जिले के रहने वाले किसान चौधरी गलतान सिंह की भी ठंड से मौत हो चुकी है. बीते दो दिनों में गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या की, जबकि एक किसान की मौत हो गई. जिसके बाद आंदोलन में मौजूद किसानों का गुस्सा केंद्र सरकार को लेकर लगातार बढ़ता जा रहा है.
केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले
किसान मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाए. किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर केंद्र सरकार कानून नहीं बनाएगी, तब तक दिल्ली से किसान वापस नहीं लौटेगा.