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गाजियाबाद: 21 दिनों के भीतर टूट जाएगा हज हाउस पर लटका ताला! - up police

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 2 दिन पहले आए एक आदेश के बाद लगातार विवादों में घिरे हुए हज हाउस को खोलने का आदेश आ गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को खोलने की प्रक्रिया हुई शुरू.
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Published : Jul 27, 2019, 7:23 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लंबे समय से बंद पड़े हज हाउस को अब खोलने की तैयारी शुरू हो गई है. अखिलेश यादव की सरकार में आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट हज हाउस को हिंडन नदी के किनारे बनाया गया था. लेकिन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने की वजह से मामला एनजीटी में चला गया और इसपर ताला लटक गया. लेकिन एनजीटी का जो आदेश 2 दिन पहले आया है, उससे जाहिरी तौर पर हज जाने वाले लोगों के लिए खुशी का माहौल होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को खोलने की प्रक्रिया हुई शुरू.

गाजियाबाद में हिंडन नदी के किनारे बने हज हाउस की हालत लगभग खंडहर सी हो चुकी है. इसमें काफी कुछ ठीक करना होगा. दरअसल एनजीटी में एक याचिका डाली गई थी जिसमें यह कहा गया था कि हज हाउस में सीवेज ट्रीटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं हैं. यानी यहां से जो पानी निकलेगा वह प्रदूषित पानी, भू जल को दूषित करेगा.

हज हाउस पर लग गयी थी सील
ऐसे में एनजीटी में लंबे समय तक मामला विचाराधीन रहा. इस बीच हज हाउस पर सील लगा दी गई थी. धीरे-धीरे हज हाउस की हालत खस्ता होती चली गई. लेकिन अब हज हाउस को जल्द खोला जा सकता है. एनजीटी ने इस मामले में हरी झंडी दिखा दी है. एनजीटी ने कहा है कि इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा दिया जाए और इसके लिए 21 दिनों का वक्त दिया गया है. 21 दिनों के भीतर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को ये देखना होगा कि यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लग जाए और उसकी एनओसी जब प्रदूषण कंट्रोल विभाग से जारी हो जाएगी तो हज हाउस में प्रवेश किया जा सकेगा. यानी बस अब 21 दिनों का और इंतजार करना होगा और हज यात्रियों को आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में ही एक बड़ा हज हाउस मिलने जा रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लंबे समय से बंद पड़े हज हाउस को अब खोलने की तैयारी शुरू हो गई है. अखिलेश यादव की सरकार में आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट हज हाउस को हिंडन नदी के किनारे बनाया गया था. लेकिन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने की वजह से मामला एनजीटी में चला गया और इसपर ताला लटक गया. लेकिन एनजीटी का जो आदेश 2 दिन पहले आया है, उससे जाहिरी तौर पर हज जाने वाले लोगों के लिए खुशी का माहौल होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को खोलने की प्रक्रिया हुई शुरू.

गाजियाबाद में हिंडन नदी के किनारे बने हज हाउस की हालत लगभग खंडहर सी हो चुकी है. इसमें काफी कुछ ठीक करना होगा. दरअसल एनजीटी में एक याचिका डाली गई थी जिसमें यह कहा गया था कि हज हाउस में सीवेज ट्रीटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं हैं. यानी यहां से जो पानी निकलेगा वह प्रदूषित पानी, भू जल को दूषित करेगा.

हज हाउस पर लग गयी थी सील
ऐसे में एनजीटी में लंबे समय तक मामला विचाराधीन रहा. इस बीच हज हाउस पर सील लगा दी गई थी. धीरे-धीरे हज हाउस की हालत खस्ता होती चली गई. लेकिन अब हज हाउस को जल्द खोला जा सकता है. एनजीटी ने इस मामले में हरी झंडी दिखा दी है. एनजीटी ने कहा है कि इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा दिया जाए और इसके लिए 21 दिनों का वक्त दिया गया है. 21 दिनों के भीतर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को ये देखना होगा कि यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लग जाए और उसकी एनओसी जब प्रदूषण कंट्रोल विभाग से जारी हो जाएगी तो हज हाउस में प्रवेश किया जा सकेगा. यानी बस अब 21 दिनों का और इंतजार करना होगा और हज यात्रियों को आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में ही एक बड़ा हज हाउस मिलने जा रहा है.

Intro:गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 2 दिन पहले आए एक आदेश के बाद लगातार विवादों में घिरे हुए आजम खान के लिए भी एक खुशी की खबर है। आखिर क्यों आजम खान और अखिलेश यादव का सपना खंडहर में तब्दील हो गया। जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट।



Body:गाजियाबाद में लंबे समय से बंद पड़े हज हाउस को अब खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। आपको बता दें अखिलेश यादव की सरकार में आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट हज हाउस को हिंडन नदी के किनारे बनाया गया था। लेकिन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने की वजह से मामला एनजीटी में चला गया था। लेकिन एनजीटी का जो आदेश 2 दिन पहले आया है उससे जाहिर तौर पर हज जाने वाले लोगों के लिए खुशी का माहौल होगा। आगे बताते हैं कितने दिन में हज हाउस खुल सकता है।


गाजियाबाद में हिंडन नदी के किनारे बने हज हाउस की हालत लगभग खंडहर सी हो चुकी है। इसमें काफी कुछ ठीक करना होगा। ऐसा क्यों हुआ वह आपको बता देते हैं। दरअसल एनजीटी में एक याचिका डाली गई थी जिसमें यह कहा गया था कि हज हाउस में सीवेज ट्रीटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है। यानी यहां से जो पानी निकलेगा वह प्रदूषित पानी भू जल को दूषित करेगा। ऐसे में एनजीटी में लंबे समय तक मामला विचाराधीन रहा। और इस बीच हज हाउस पर सील लगा दी गई थी। धीरे-धीरे हज हाउस की हालत खस्ता होती चली गई। लेकिन अब हज हाउस को जल्द खोला जा सकता है। एनजीटी ने इस मामले में हरी झंडी दिखा दी है। एनजीटी ने कहा है कि इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा दिया जाए और इसके लिए 21 दिनों का वक्त दिया गया है। 21 दिनों के भीतर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को यह देखना होगा कि यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लग जाए। और उसकी एनओसी जब प्रदूषण कंट्रोल विभाग से जारी हो जाएगी तो हज हाउस में प्रवेश किया जा सकेगा।

बाईट डॉक्टर अमृता सिंह उप निदेशक, जिला अल्पसंख्यक विभाग


Conclusion:यानी बस अब 21 दिनों का और इंतजार करना होगा और हज यात्रियों को आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में ही एक बढ़ा हज हाउस मिलने जा रहा है।जिससे की खुशी का ठिकाना नहीं है।
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