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चलती गाड़ी में ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, महिला होमगार्ड ने बचाई 15 की जान - महिला होमगार्ड ने बचाई 15 की जान

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में तैनात महिला होमगार्ड मंजू उपाध्याय पूरे नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचल दस्ते के वाहन चालक की वाहन चलाते समय अचानक हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई.

महिला होमगार्ड ने बचाई 15 की जान.
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Published : Sep 13, 2019, 7:13 AM IST

गाजियाबाद/नई दिल्ली: गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण में तैनात महिला होमगार्ड मंजू उपाध्याय पूरे नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल वाहन चालक को वाहन चलाते समय अचानक हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई. वाहन में मौजूद महिला होमगार्ड ने बहादुरी का परिचय देते हुए 15 लोगों की जान बचाई.

महिला होमगार्ड की ने बचाई 15 लोगों की जान

गाड़ी चलते समय अचानक पड़ा दिल का दौरा
दरअसल, सोमवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का सचल दस्ता प्रताप विहार में एक अवैध टावर पर कार्रवाई करने गया था, वहां से लौटते समय मंजू उपाध्याय अपनी सहकर्मी राजबाला के साथ ड्राइवर सीट के पास बैठी थी, अचानक दिल का दौरा पड़ने से ड्राइवर ऋषिपाल स्टेरिंग पर गिर गए और गाड़ी अनियंत्रित होने लगी, महिला होमगार्ड ने सूझबूझ से स्टेरिंग संभाला और ब्रेक लगाकर गाड़ी को पलटने से बचा लिया.

ईटीवी भारत ने की खास बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत में मंजू ने बताया कि उन्हें गाड़ी के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी थी क्योंकि उन्होंने काफी पहले 15 दिन का गाड़ी चलाने का कोर्स किया था. सचल दस्ते की गाड़ी में करीब 15 से 18 लोग सवार थे, ड्राइवर समेत तीन लोग आगे बैठे थे जबकि करीब 15 पुलिसकर्मी, होमगार्ड और जीडीए कर्मचारी गाड़ी में पीछे मौजूद थे.

मंजू उपाध्याय के गाड़ी रोकने के बाद गाड़ी में मौजूद कर्मचारी ऋषिपाल को नजदीक के अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मंजू बहादुरी ना दिखाती तो गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट सकती थी, मंजू की बहादुरी से कई कर्मचारियों की जान बच गई.

गाजियाबाद/नई दिल्ली: गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण में तैनात महिला होमगार्ड मंजू उपाध्याय पूरे नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल वाहन चालक को वाहन चलाते समय अचानक हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई. वाहन में मौजूद महिला होमगार्ड ने बहादुरी का परिचय देते हुए 15 लोगों की जान बचाई.

महिला होमगार्ड की ने बचाई 15 लोगों की जान

गाड़ी चलते समय अचानक पड़ा दिल का दौरा
दरअसल, सोमवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का सचल दस्ता प्रताप विहार में एक अवैध टावर पर कार्रवाई करने गया था, वहां से लौटते समय मंजू उपाध्याय अपनी सहकर्मी राजबाला के साथ ड्राइवर सीट के पास बैठी थी, अचानक दिल का दौरा पड़ने से ड्राइवर ऋषिपाल स्टेरिंग पर गिर गए और गाड़ी अनियंत्रित होने लगी, महिला होमगार्ड ने सूझबूझ से स्टेरिंग संभाला और ब्रेक लगाकर गाड़ी को पलटने से बचा लिया.

ईटीवी भारत ने की खास बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत में मंजू ने बताया कि उन्हें गाड़ी के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी थी क्योंकि उन्होंने काफी पहले 15 दिन का गाड़ी चलाने का कोर्स किया था. सचल दस्ते की गाड़ी में करीब 15 से 18 लोग सवार थे, ड्राइवर समेत तीन लोग आगे बैठे थे जबकि करीब 15 पुलिसकर्मी, होमगार्ड और जीडीए कर्मचारी गाड़ी में पीछे मौजूद थे.

मंजू उपाध्याय के गाड़ी रोकने के बाद गाड़ी में मौजूद कर्मचारी ऋषिपाल को नजदीक के अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मंजू बहादुरी ना दिखाती तो गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट सकती थी, मंजू की बहादुरी से कई कर्मचारियों की जान बच गई.

Intro:गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के सचल दस्ते के वाहन चालक की वाहन चलाते समय अचानक हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गयी, वाहन में मौजूद महिला होमगार्ड ने बहादुरी का परिचय देते हुए बचाई 18 लोगों की जान.


Body:गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण में तैनात महिला होमगार्ड मंजू उपाध्याय पूरे नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचल दस्ते के वाहन चालक की वाहन चलाते समय अचानक हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गयी, वाहन में मौजूद महिला होमगार्ड ने बहादुरी का परिचय देते हुए बचाई 18 लोगों की जान.

दरसल, सोमवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का सचल दस्ता प्रताप विहार में एक अवैध टावर पर कार्यवाई करने गया था, वहां से लौटते समय मंजू उपाध्याय अपनी सहकर्मी राजबाला के साथ ड्राइवर सीट के पास बैठी थी, अचानक दिल का दौरा पड़ने से ड्राइवर ऋषिपाल स्टेरिंग पर गिर गए और गाड़ी अनियंत्रित होने लगी, महिला होमगार्ड ने सूझबूझ से स्टेरिंग संभाला और ब्रेक लगाकर गाड़ी को पलटने से बचा लिया.

ईटीवी भारत से बातचीत में मंजू ने बताया कि उन्हें गाड़ी के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी थी क्योंकि उन्होंने काफी पहले 15 दिन का गाड़ी चलाने का कोर्स किया था.

सचल दस्ते की गाड़ी में करीब 15 से 18 लोग सवार थे, ड्राइवर समेत तीन लोग आगे बैठे थे जबकि करीब 15 पुलिसकर्मी, होमगार्ड और जीडीए कर्मचारी गाड़ी में पीछे मौजूद थे.

मंजू उपाध्याय के गाड़ी रोकने के बाद गाड़ी में मौजूद कर्मचारी ऋषिपाल को नजदीक के अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.



Conclusion:मंजू बहादुरी ना दिखाती तो गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट सकती थी, मंजू की बहादुरी से कई कर्मचारियों की जान बच गई.
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