गाजियाबाद: जिले में कूड़े का निस्तारण करना निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. अब कूड़े का निस्तारण करने के लिए युवा आईएएस अधिकारी और गाजियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने नई पहल की है. इस पहल से ना सिर्फ कूड़े का निस्तारण होगा, बल्कि कूड़े से Bio-CNG का भी उत्पादन होगा.
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी के तहत क्रॉसिंग रिपब्लिक के पीछे नगर निगम की जमीन पर Bio- CNG प्लांट लगाया जाएगा. Bio- CNG प्लांट के माध्यम से 300 टन कूड़े का निस्तारण कर 10 टन Bio-CNG का उत्पादन किया जाएगा. नगर आयुक्त ने बताया कि इसी को लेकर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी कर इस सेक्टर में कार्य कर रही प्राइवेट कंपिनयों का आमंत्रित किया गया है. 3 सितंबर तक कंपनियां आवेदन कर सकती हैं.
बायो सीएनजी पर दौड़ेंगे वाहन
महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि Bio-CNG प्लांट से बनी सीएनजी को बाजार में बेचने का भी प्रावधान रखा गया. नगर निगम समेत नगर निगम के साथ काम करने वाली कंपनियां अगर Bio-CNG को मार्किट रेट से पांच रुपए कम पर उपलब्ध कराया जाएगा. Bio- CNG प्लांट लगने के बाद जहां एक तरफ निगम के वाहन बायो सीएनजी पर दौड़ेंगे तो वहीं दूसरी तरफ सरप्लस Bio-CNG को मार्केट में बेचा जाएगा. Bio-CNG की क्वालिटी और Fuel Efficiency काफी बेहतर होती है.
कब तक लगेगा प्लांट
नगर आयुक्त के मुताबिक, तकरीबन 15 महीने में Bio-CNG का प्लांट लग जाने की संभावना है. Bio-CNG लगने के बाद निगम को 300 टन कूड़े का निस्तारण करने में आसानी होगी. Bio- CNG प्लांट लगाने में तकरीबन 100 करोड़ से अधिक का खर्च आएगा, जिसको प्राइवेट कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त नगर निगम द्वारा प्राइवेट कंपनी को Bio-CNG प्लांट लगाने के लिए दी गई जमीन और रॉ मटेरियल के तौर पर दिए गए कूड़े पर रॉयल्टी वसूल की जाएगी. इससे निगम को खासा आमदनी होगी.
Asia का सबसे बड़ा Bio- CNG प्लांट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो- सीएनजी प्लांट का शुभारंभ किया था. देश में इंदौर ऐसा पहला शहर है, जहां गीले और सूखे कचरे का 99 फ़ीसदी सेग्रीगेशन होता है. इसके बाद इस कचरे से Bio-CNG गैस बनाई जाती है. मौजूदा समय में बायो सीएनजी गैस से नगर निगम की लगभग 400 से ज्यादा बसें चलाई जा रही हैं. प्लांट को चलाने के जरूरी गीला-सूखा कचरा इंदौर में आसानी से उपलब्ध हो रहा है. 550 मीट्रिक टन की कुल क्षमता के साथ यह संयंत्र 96 प्रतिशत शुद्ध मीथेन गैस के साथ सीएनजी का उत्पादन करता है. संयंत्र को पीपीपी मॉडल और निजी एजेंसी के सहयोग से स्थापित किया गया है.
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