गाजियाबाद: कृषि विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि इससे कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा. एक तरह केंद्र सरकार इन विधेयकों को किसानों के हित में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम बता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में हैं. शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा गाजियाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है.
हापुड़ चुंगी चौराहे पर विरोध प्रदर्शन कर चक्का जाम
भाकियू के प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए हापुड़ चुंगी चौराहे पर भारी पुलिस बल पहले से ही तैनात किया गया था. भाकियू के प्रदर्शन का कांग्रेस पार्टी द्वारा भी समर्थन किया गया. प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में भाकियू के नेता और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजेंद्र यादव समेत कार्यकर्ता मौजूद रहे. हापुड़ चुंगी चौराहे पर भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंचे. भाकियू के मुताबिक तीनों कृषि विधेयक किसान विरोधी हैं और इन विधेयकों के विरोध में किसान सड़क पर आने को मजबूर हैं.
किसानों की कमर तोड़ रही सरकार
विरोध प्रदर्शन में मौजूद कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि बिल लाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है. सड़क से लेकर संसद तक कांग्रेस पार्टी कृषि बिल के विरोध में किसानों के साथ मज़बूती से खड़ी हुई है. केंद्र सरकार को किसानों से कोई मतलब ही नहीं है. केंद्र सरकार केवल पूंजीपतियों के बारे में सोच रही है. केंद्र सरकार का इस देश के गरीब, मजदूर और किसानों से कोई वास्ता ही नहीं है. भाजपा के नेता जनता को भ्रमित कर केवल वोट हड़पना जानते हैं. केंद्र सरकार देश को नेस्तनाबूद करने की साजिश रच चुकी है. जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक कांग्रेस पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी.
किसान यूनियनों द्वारा की गई भारत बंद और चक्का जाम की घोषणा को मद्देनजर रखते हुए गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर है. शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने 8 मजिस्ट्रेट की तैनाती की है. इसके अतिरिक्त जिले के कई आला अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में लगातार भ्रमण पर रहकर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.