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गाजियाबाद: जयपुर से बिहार के लिए पैदल ही निकले 40 मजदूर

राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद से पलायन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. गाजियाबाद के मेरठ रोड के पास करीब 40 मजदूर बिहार जा रहे थे. मजदूरों का कहना है कि हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण हम अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हैं.

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जयपुर से बिहार के लिए पैदल निकले 40 मजदूर.
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Published : May 4, 2020, 8:47 PM IST

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद से पलायन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. मेरठ रोड के पास करीब 40 मजदूर मिले, जो बिहार जा रहे थे. मजदूरों का कहना है कि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जिसके कारण वे अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हैं. सरकार की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि मजदूरों के घर जाने की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन व्यवस्था न होने की वजह से पैदल ही निकलना पड़ रहा है.

मजदूरों का हो रहा पलायन.

'सबसे बुरी है पेट की आग'
मजदूरों ने बताया कि वे 4 दिनों से गर्मी में पैदल चल रहे हैं. अभी 15 दिन और चलने पर वे अपने होमटाउन पहुंच पाएंगे. जितने भी पलायन करने वाले मिल रहे हैं, उन सभी का यही कहना है कि पेट की आग सबसे बुरी है और उसे बुझाना बहुत जरूरी है. अगर वह नहीं बुझेगी, तो वैसे ही मर जाएंगे, इसलिए घर पर जा रहे हैं.

मजदूरों का कहना है कि अगर सरकार जल्द से जल्द व्यवस्था कर देती तो और बेहतर हो जाता. व्यवस्था न होने की वजह से पैदल ही निकल पड़े हैं. रास्ते में कोई रोकता है, तो उससे यह भी कह देते हैं कि साहब डंडे मार लो, लेकिन जाने दो.

समस्या का हल नहीं
लगातार सामने आ रही पलायन की तस्वीरों से यह भी साफ हो रहा है कि इस समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है. लोग लगातार पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं. गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद भी सरकारों ने काम शुरू नहीं किया.

गाजियाबाद: पास बनवाने पहुंचे दिहाड़ी मजदूर, सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ उल्लंघन

अगर मजदूरों को इनके होमटाउन तक पहुंचाने की व्यवस्था त्वरित तौर पर कर दी जाती तो इस तरह की तस्वीरें सामने नहीं आती. क्योंकि पलायन करने वाले यह लोग खुद के लिए ही नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. मगर इनकी भी मजबूरी है. अगर बीमारी इन्हें नहीं घेरेगी, तो भूख ने इन्हें ऐसा घेरा है कि उसका अंतिम पड़ाव मौत के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा. इसलिए सर पर कफन बांध कर ये लोग अपने घरों को निकल चुके हैं.

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद से पलायन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. मेरठ रोड के पास करीब 40 मजदूर मिले, जो बिहार जा रहे थे. मजदूरों का कहना है कि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जिसके कारण वे अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हैं. सरकार की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि मजदूरों के घर जाने की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन व्यवस्था न होने की वजह से पैदल ही निकलना पड़ रहा है.

मजदूरों का हो रहा पलायन.

'सबसे बुरी है पेट की आग'
मजदूरों ने बताया कि वे 4 दिनों से गर्मी में पैदल चल रहे हैं. अभी 15 दिन और चलने पर वे अपने होमटाउन पहुंच पाएंगे. जितने भी पलायन करने वाले मिल रहे हैं, उन सभी का यही कहना है कि पेट की आग सबसे बुरी है और उसे बुझाना बहुत जरूरी है. अगर वह नहीं बुझेगी, तो वैसे ही मर जाएंगे, इसलिए घर पर जा रहे हैं.

मजदूरों का कहना है कि अगर सरकार जल्द से जल्द व्यवस्था कर देती तो और बेहतर हो जाता. व्यवस्था न होने की वजह से पैदल ही निकल पड़े हैं. रास्ते में कोई रोकता है, तो उससे यह भी कह देते हैं कि साहब डंडे मार लो, लेकिन जाने दो.

समस्या का हल नहीं
लगातार सामने आ रही पलायन की तस्वीरों से यह भी साफ हो रहा है कि इस समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है. लोग लगातार पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं. गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद भी सरकारों ने काम शुरू नहीं किया.

गाजियाबाद: पास बनवाने पहुंचे दिहाड़ी मजदूर, सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ उल्लंघन

अगर मजदूरों को इनके होमटाउन तक पहुंचाने की व्यवस्था त्वरित तौर पर कर दी जाती तो इस तरह की तस्वीरें सामने नहीं आती. क्योंकि पलायन करने वाले यह लोग खुद के लिए ही नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. मगर इनकी भी मजबूरी है. अगर बीमारी इन्हें नहीं घेरेगी, तो भूख ने इन्हें ऐसा घेरा है कि उसका अंतिम पड़ाव मौत के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा. इसलिए सर पर कफन बांध कर ये लोग अपने घरों को निकल चुके हैं.

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