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ग्रेटर नोएडा: शेल्टर होम में लोगों को नहीं मिल रहा भरपेट खाना - कोविड-19

दादरी में बनाये गए शेल्टर होम में रह रहे लोगों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वहां उन्हें भरपेट खाना नहीं मिल रहा. बच्चों के लिए दूध और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.

प्रवासी मजदूर.
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Published : May 13, 2020, 6:09 AM IST

नोएडा: राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के दादरी में बने शेल्टर होम में रहने वाले लोगों ने असुविधाओं का आरोप लगाया है. दरअसल, लॉकडाउन के दौरान जो लोग अपने घरों को पैदल जा रहे थे. उनको पुलिस और जिला प्रशासन ने रोक कर शेल्टर होम में रखा है. जिला प्रशासन का दावा है कि जिन लोगों को यहां रोका गया है, उनके खाने-पीने और रुकने का इंतजाम किया गया है.

शेल्टर होम में लोगों को नहीं मिल रहा भरपेट खाना

शेल्टर होम में मौजूद कुछ लोगों ने यहां की अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि जिला प्रशासन ने उनको घर जाने से तो रोक लिया, लेकिन शेल्टर होम में न तो उनको खाने के लिए कुछ दिया जा रहा है, न ही बच्चों को दूध दिया जा रहा है और जो दूध दिया भी जा रहा है उसकी गुणवत्ता सही नहीं है. वहीं मौजूद एक गर्भवती महिला ने बताया कि उसको अभी तक खाने-पीने के लिए कुछ नहीं दिया गया है, जिसके कारण उसको कमजोरी सी महसूस हो रही है.

जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि उनको यहां रहने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी, लेकिन विद्यालय में बनाए गए शेल्टर होम में रुके लोगों ने जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. उनका आरोप है कि वह कई दिन से यहां रुके हुए हैं, न तो उन्हें यहां से जाने दिया जा रहा है और ना ही यहां पर खाने-पीने की कोई व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है.

नोएडा: राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के दादरी में बने शेल्टर होम में रहने वाले लोगों ने असुविधाओं का आरोप लगाया है. दरअसल, लॉकडाउन के दौरान जो लोग अपने घरों को पैदल जा रहे थे. उनको पुलिस और जिला प्रशासन ने रोक कर शेल्टर होम में रखा है. जिला प्रशासन का दावा है कि जिन लोगों को यहां रोका गया है, उनके खाने-पीने और रुकने का इंतजाम किया गया है.

शेल्टर होम में लोगों को नहीं मिल रहा भरपेट खाना

शेल्टर होम में मौजूद कुछ लोगों ने यहां की अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि जिला प्रशासन ने उनको घर जाने से तो रोक लिया, लेकिन शेल्टर होम में न तो उनको खाने के लिए कुछ दिया जा रहा है, न ही बच्चों को दूध दिया जा रहा है और जो दूध दिया भी जा रहा है उसकी गुणवत्ता सही नहीं है. वहीं मौजूद एक गर्भवती महिला ने बताया कि उसको अभी तक खाने-पीने के लिए कुछ नहीं दिया गया है, जिसके कारण उसको कमजोरी सी महसूस हो रही है.

जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि उनको यहां रहने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी, लेकिन विद्यालय में बनाए गए शेल्टर होम में रुके लोगों ने जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. उनका आरोप है कि वह कई दिन से यहां रुके हुए हैं, न तो उन्हें यहां से जाने दिया जा रहा है और ना ही यहां पर खाने-पीने की कोई व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है.

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