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2 साल से नहीं था स्कूल में पीने का पानी, प्रिंसिपल ने खुद उठाया 'जिम्मा'

नोएडा के सेक्टर-51 होशियारपुर के सरकारी स्कूल में पिछले दो सालों से पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. स्कूल की प्रिंसिपल रजनी ने पीने के पानी की व्यवस्था खुद कराई है.

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Published : Jul 12, 2019, 9:35 AM IST

2 साल से नहीं था स्कूल में पीने का पानी.

लखनऊ/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक सरकारी स्कूल है, जहां 240 बच्चे पढ़ते हैं. पिछले दो साल से स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

स्कूल में पीने के पानी का प्रिंसिपल ने खुद उठाया 'जिम्मा'.


नोएडा के सेक्टर-51 होशियारपुर के सरकारी स्कूल में पिछले दो सालों से पीने का पानी नहीं है. परिसर में दो सरकारी नल थे, अब वो भी सूख चुके हैं. सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल रजनी बताती हैं कि पिछले दो सालों से स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था प्रिंसिपल ने खुद कराई है, जिसका खर्च वही देती हैं. उन्होंने बताया कि इसमें हर महीने 3 हजार रुपये का खर्चा आता है.

प्रिंसिपल बताती हैं कि इस स्कूल को HCL कंपनी ने गोद लिया है. जिसमें HCL को इंफ्रास्ट्रक्चर और शैक्षिक योग्यता को बढ़ावा देना था. जिलाधिकारी के सहयोग से HCL फाउंडेशन ने जिले में 37 स्कूलों को गोद लिया. जिसमें सेक्टर-51 वाला सरकारी स्कूल भी शामिल है, लेकिन यहां HCL ने सिर्फ एक स्मार्ट बोर्ड लगाया और कुछ नहीं.

खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और HCL फाउंडेशन को भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन 2 साल बीत गए, लेकिन बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई है.

लखनऊ/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक सरकारी स्कूल है, जहां 240 बच्चे पढ़ते हैं. पिछले दो साल से स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

स्कूल में पीने के पानी का प्रिंसिपल ने खुद उठाया 'जिम्मा'.


नोएडा के सेक्टर-51 होशियारपुर के सरकारी स्कूल में पिछले दो सालों से पीने का पानी नहीं है. परिसर में दो सरकारी नल थे, अब वो भी सूख चुके हैं. सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल रजनी बताती हैं कि पिछले दो सालों से स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था प्रिंसिपल ने खुद कराई है, जिसका खर्च वही देती हैं. उन्होंने बताया कि इसमें हर महीने 3 हजार रुपये का खर्चा आता है.

प्रिंसिपल बताती हैं कि इस स्कूल को HCL कंपनी ने गोद लिया है. जिसमें HCL को इंफ्रास्ट्रक्चर और शैक्षिक योग्यता को बढ़ावा देना था. जिलाधिकारी के सहयोग से HCL फाउंडेशन ने जिले में 37 स्कूलों को गोद लिया. जिसमें सेक्टर-51 वाला सरकारी स्कूल भी शामिल है, लेकिन यहां HCL ने सिर्फ एक स्मार्ट बोर्ड लगाया और कुछ नहीं.

खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और HCL फाउंडेशन को भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन 2 साल बीत गए, लेकिन बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई है.

Intro:क्या आपको जानकर हैरानी नहीं होगी कि राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक सरकारी स्कूल है जहां पिछले 2 साल से पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। सरकारी स्कूल में तकरीब 300-400 लोग पढ़ते हैं। ऐसे में एक सवाल उठना लाज़मी है कि ऐसी भीषण गर्मी में फिर बच्चे प्यास कैसे मिटाते हैं? देखिए ईटीवी भारत की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट


Body:"प्रिंसिपल ने लगवाएं हैं वॉटर कंटेनर"
नोएडा के सेक्टर 51 होशियारपुर के सरकारी स्कूल में पिछले दो वर्षों से पीने का पानी नहीं है। परिसर में 2 सरकारी नल थे वो भी सूख चुके हैं। ऐसे में सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका रजनी बताती हैं कि पिछले 2 वर्षों से स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है। स्कूल में जो पानी की व्यवस्था है वो स्वयं प्रधानाध्यापिका द्वारा की गई है जिसका खर्च वो स्वयं वहन करती हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिमाह 3 हज़ार रुपये का खर्चा आता है।




Conclusion:प्रिंसिपल बताती हैं कि उनका स्कूल HCL ने गोद लिया है। जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर और शैक्षिक योग्यता को बढ़ावा देने था। जिलाधिकारी के सहयोग से HCL फाउंडेशन ने जिले में 37 स्कूल को गोद लिए जिसमें सेक्टर 51 वाला सरकारी स्कूल शामिल है लेकिन यहां HCL ने सिर्फ एक स्मार्ट बोर्ड लगाया और कुछ नहीं किया।

खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और HCL फाउंडेशन को भी कई बार शिकायत की गई लेकिन 2 साल बीत गए बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हुई।
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