नोएडा: खेल दिवस के उपलक्ष पर शनिवार को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद किया गया. मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए पूर्व हॉकी खिलाड़ी सरदार मंजीत सिंह ने बताया कि वह भी एक राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं और हॉकी के प्रति उनका प्रेम और आदर आज भी बना हुआ है. इस मौके पर केक काटकर उनको याद किया गया.
बच्चों को हॉकी की ट्रेनिंग दिलाते हैं सरदार मंजीत सिंह
सरदार मंजीत सिंह खुद एक पूर्व राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी रहे हैं, इसलिए वह अब खुद बच्चों को हॉकी खेलने की ट्रेनिंग देते हैं. उन्होंने पिछले 6 साल से खुद की हॉकी की एकेडमी बनाई हुई है, जिसमें लड़के-लड़कियों को हॉकी खेलने की ट्रेनिंग दी जाती है. सभी को मुफ्त में ड्रेस, हॉकी और बॉल दी जाती है. बच्चों से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है.
'मेजर ध्यानचंद के बेटे के साथ खेलने का मिला सौभाग्य'
राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके सरदार मंजीत सिंह ने बताया कि वो जब हॉकी खेला करते थे तो उनका छोटा बेटा देवेंद्र सिंह उनके साथ ही खेला करते थे. उन्होंने यादें ताजा करते हुए बताया कि देवेंद्र सिंह भी अच्छे खिलाड़ी थे, लेकिन जो बात मेजर ध्यानचंद के अंदर थी, वो किसी और खिलाड़ी में नहीं आ सकी है.
खेलरत्न देने की उठाई मांग
मेजर ध्यानचंद को सरकार से खेलरत्न दिलाने की मांग को लेकर सरदार मंजीत सिंह कई दफा उनके बेटे के साथ सरकार के कई मंत्रियों के पास जा चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से मेजर ध्यानचंद को खेलरत्न नहीं दिया गया है.