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होमगार्ड वेतन घोटाला: मंडलीय कमांडेंट समेत पांच गिरफ्तार

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Published : Nov 20, 2019, 11:41 PM IST

होमगार्ड वेतन घोटाले में नोएडा पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं कमांडेंट के दफ्तर में मस्टररोल में लगी आग की जांच की जा रही है और गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.

होमगार्ड वेतन घोटाले में पांच गिरफ्तार.

नई दिल्ली/नोएडा: करोड़ों रुपये के होमगार्ड वेतन घोटाले में होमगार्ड के मंडलीय कमांडेंट और सहायक जिला कमांडेंट समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. गिरफ्तार लोगों में तीन प्लाटून कमांडर भी शामिल है. शुरुआती जांच में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर में 4 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है. वहीं कमांडेंट के दफ्तर में मस्टररोल में लगी आग की जांच की जा रही है और गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.

जानकारी देते संवाददाता

एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि 17 जुलाई को एक होमगार्ड ने उन्हें शिकायत पत्र देकर होमगार्ड की ड्यूटी के बाबत फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने की जानकारी दी थी. उस मामले की जांच एसपी सिटी विनीत जयसवाल को सौंपी गई. मई-जून के महीने में 2019 के सात थानों और राजकीय संप्रेषण गृह में होमगार्ड की ड्यूटी की सैंपल तौर पर जांच की गई. जिसमें 2 माह में लगभग 114 होमगार्ड का 1327 दिन का वेतन 7 लाख 7 हजार 500 सौ रुपये का फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने का सच सामने आया.

पांच लोग गिरफ्तार
एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच के आधार पर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में मंडली कमांडेंट अलीगढ़ राम नारायण चौरसिया, जिला सहायक कमांडेंट सतीश चंद्र के अलावा तीन अवैतनिक प्लाटून कमांडर मोंटू कुमार, शैलेंद्र कुमार और सत्यवीर यादव शामिल है.

फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है कि होमगार्ड विभाग में बीते कई वर्षों से यह हेराफेरी चल रही थी. इसमें तत्कालीन जिला कमांडेंट राज नारायण चौरसिया की सहमति थी. जिला कमांडेंट के निर्देश में अवैतनिक प्लाटून कमांडर थानों में तैनात होमगार्डों के फर्जी मस्टररोल तैयार करते थे. इसके बाद थाना प्रभारी व अन्य स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर मस्टररोल पर जिला कमांडेंट से अनुमोदन कराकर भुगतान ले लेते इसमें सभी का हिस्सा तय था.

4 करोड़ से अधिक का घोटाला

उन्होंने बताया कि जो होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं होता है, फर्जी मस्टररोल में उसकी भी हाजिरी दिखाकर वेतन निकाला जाता था. इसके अलावा होमगार्ड की कार्य दिवस की संख्या को भी बढ़ाकर अनुचित रूप से अतिरिक्त वेतन का आहरण किया जाता था. एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि बीते 2 वर्ष में थानों की ड्यूटी के संबंध में फर्जी मस्टररोल तैयार कर 4 करोड़ से अधिक की धनराशि का घोटाला किया गया है. उन्होंने आशंका जताई कि अन्य प्रशासनिक कार्यालयों में भी इसी प्रकार का फर्जीवाड़ा हो सकता है.

ये भी पढ़ें- नोएडा: प्रदूषण फैलाने की सूचना दो और 1000 रुपये ले जाओ!

होमगार्ड ऑफिस में लगी आग का नहीं हुआ खुलासा
सबूत मिटाने के मकसद से होमगार्ड ऑफिस में लगी आग के बाबत एसएसपी ने कहा कि अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि आग किसने लगाई, लेकिन इतना साफ हो गया है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने कार्यालय का दरवाजा तोड़कर कमरे में रखे बॉक्स का भी ताला तोड़ने के बाद बॉक्स में आग लगाई है. बॉक्स में 2014 से लेकर अब तक के मस्टररोल रखे थे. आग लगने की जानकारी डायल 100 पुलिस को दी गई थी. इस मामले की जांच के लिए उन्होंने एसआईटी का गठन कर दिया है. इस बीच गुजरात से 2 सदस्य फॉरेंसिक टीम ने मौके का मुआयना भी किया है. गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: करोड़ों रुपये के होमगार्ड वेतन घोटाले में होमगार्ड के मंडलीय कमांडेंट और सहायक जिला कमांडेंट समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. गिरफ्तार लोगों में तीन प्लाटून कमांडर भी शामिल है. शुरुआती जांच में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर में 4 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है. वहीं कमांडेंट के दफ्तर में मस्टररोल में लगी आग की जांच की जा रही है और गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.

जानकारी देते संवाददाता

एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि 17 जुलाई को एक होमगार्ड ने उन्हें शिकायत पत्र देकर होमगार्ड की ड्यूटी के बाबत फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने की जानकारी दी थी. उस मामले की जांच एसपी सिटी विनीत जयसवाल को सौंपी गई. मई-जून के महीने में 2019 के सात थानों और राजकीय संप्रेषण गृह में होमगार्ड की ड्यूटी की सैंपल तौर पर जांच की गई. जिसमें 2 माह में लगभग 114 होमगार्ड का 1327 दिन का वेतन 7 लाख 7 हजार 500 सौ रुपये का फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने का सच सामने आया.

पांच लोग गिरफ्तार
एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच के आधार पर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में मंडली कमांडेंट अलीगढ़ राम नारायण चौरसिया, जिला सहायक कमांडेंट सतीश चंद्र के अलावा तीन अवैतनिक प्लाटून कमांडर मोंटू कुमार, शैलेंद्र कुमार और सत्यवीर यादव शामिल है.

फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है कि होमगार्ड विभाग में बीते कई वर्षों से यह हेराफेरी चल रही थी. इसमें तत्कालीन जिला कमांडेंट राज नारायण चौरसिया की सहमति थी. जिला कमांडेंट के निर्देश में अवैतनिक प्लाटून कमांडर थानों में तैनात होमगार्डों के फर्जी मस्टररोल तैयार करते थे. इसके बाद थाना प्रभारी व अन्य स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर मस्टररोल पर जिला कमांडेंट से अनुमोदन कराकर भुगतान ले लेते इसमें सभी का हिस्सा तय था.

4 करोड़ से अधिक का घोटाला

उन्होंने बताया कि जो होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं होता है, फर्जी मस्टररोल में उसकी भी हाजिरी दिखाकर वेतन निकाला जाता था. इसके अलावा होमगार्ड की कार्य दिवस की संख्या को भी बढ़ाकर अनुचित रूप से अतिरिक्त वेतन का आहरण किया जाता था. एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि बीते 2 वर्ष में थानों की ड्यूटी के संबंध में फर्जी मस्टररोल तैयार कर 4 करोड़ से अधिक की धनराशि का घोटाला किया गया है. उन्होंने आशंका जताई कि अन्य प्रशासनिक कार्यालयों में भी इसी प्रकार का फर्जीवाड़ा हो सकता है.

ये भी पढ़ें- नोएडा: प्रदूषण फैलाने की सूचना दो और 1000 रुपये ले जाओ!

होमगार्ड ऑफिस में लगी आग का नहीं हुआ खुलासा
सबूत मिटाने के मकसद से होमगार्ड ऑफिस में लगी आग के बाबत एसएसपी ने कहा कि अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि आग किसने लगाई, लेकिन इतना साफ हो गया है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने कार्यालय का दरवाजा तोड़कर कमरे में रखे बॉक्स का भी ताला तोड़ने के बाद बॉक्स में आग लगाई है. बॉक्स में 2014 से लेकर अब तक के मस्टररोल रखे थे. आग लगने की जानकारी डायल 100 पुलिस को दी गई थी. इस मामले की जांच के लिए उन्होंने एसआईटी का गठन कर दिया है. इस बीच गुजरात से 2 सदस्य फॉरेंसिक टीम ने मौके का मुआयना भी किया है. गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.

Intro:नोएडा---
करोड़ों रुपए के होमगार्ड वेतन घोटाले में होमगार्ड के मंडलीय कमांडेंट (तत्कालीन जिला कमांडेंट गौतम बुध नगर) और सहायक जिला कमांडेंट समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। गिरफ्तार लोगों में तीन प्लाटून कमांडर भी शामिल है शुरुआती जांच में सिर्फ गौतम बुध नगर में 4 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है।
वही कमांडेंट के दफ्तर में मस्टररोल में लगी आग की जांच की जा रही है और गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है।


Body:नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि 17 जुलाई को एक होमगार्ड ने उन्हें शिकायत पत्र देकर होमगार्ड की ड्यूटी के बाबत फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने की जानकारी दी थी उस मामले की जांच एसपी सिटी विनीत जयसवाल को सौंपी गई मांह मई-जून 2019 के सात थानों और राजकीय संप्रेषण गृह में होमगार्ड की ड्यूटी की सैंपल तौर पर जांच की गई जिसमें 2 माह में लगभग 114 होमगार्ड का 1327 दिन का वेतन 7 लाख 7 हजार 500 (सिंपल अवधि में कुल आहरित वेतन करीब 50 प्रतिसत) का फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने का सच सामने आया एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच के आधार पर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है गिरफ्तार किए गए लोगों में मंडली कमांडेंट अलीगढ़ (तत्कालीन जिला कमांडेंट गौतम बुध नगर ) राम नारायण चौरसिया जिला सहायक कमांडेंट सतीश चंद्र के अलावा तीन अवैतनिक प्लाटून कमांडर मोंटू कुमार' शैलेंद्र कुमार और सत्यवीर यादव शामिल है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है कि होमगार्ड विभाग में बीते कई वर्षों से यह हेराफेरी चल रही थी इसमें तत्कालीन जिला कमांडेंट राज नारायण चौरसिया की सहमति थी जिला कमांडेंट के निर्देश में अवैतनिक प्लाटून कमांडर थानों में तैनात होमगार्डों के फर्जी मस्टररोल तैयार करते थे इसके बाद थाना प्रभारी व अन्य स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर मस्टर रोल पर जिला कमांडेंट से अनुमोदन कराकर भुगतान ले लेते इसमें सभी का हिस्सा तय था ,
उन्होंने बताया कि जो होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं होता है फर्जी मस्टररोल में उसकी भी हाजिरी दिखाकर वेतन निकाला जाता था इसके अलावा होमगार्ड की कार्य दिवस की संख्या को भी बढ़ाकर अनुचित रूप से अतिरिक्त वेतन का आहरण किया जाता था एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि बीते 2 वर्ष में थानों की ड्यूटी के संबंध में फर्जी मस्टररोल तैयार कर 4 करोड़ से अधिक की धनराशि का घोटाला किया गया है उन्होंने आशंका जताई कि अन्य प्रशासनिक कार्यालयों में भी इसी प्रकार का फर्जीवाड़ा हो सकता है।


Conclusion:सबूत मिटाने के मकसद से होमगार्ड ऑफिस में लगी आग के बाबत एसएसपी ने कहा कि अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि आग किसने लगाई लेकिन इतना साफ हो गया है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने कार्यालय का दरवाजा तोड़कर कमरे में रखे बॉक्स का भी ताला तोड़ने के बाद बॉक्स में आग लगाई है बॉक्स में 2014 से लेकर अब तक के मस्टररोल रखे थे आग लगने की जानकारी डायल 100 पुलिस को दी गई थी इस मामले की जांच के लिए उन्होंने एसआईटी का गठन कर दिया है इस बीच गुजरात से 2 सदस्य फॉरेंसिक टीम ने मौके का मुआयना भी किया है गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है।

बाईट--- वैभव कृष्ण एसएसपी गौतम बुध नगर

ओपनिंग क्लोजिंग पीटीसी संजीव उपाध्याय नोएडा
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