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BKU लोक शक्ति का टिकैत को समर्थन, जारी रहेगी किसानों की लड़ाई

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Published : Jan 29, 2021, 8:05 PM IST

भाकियू (लोक शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने अपील की कि उनके संगठन से जुड़े सभी कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें और जो लोग मुजफ्फरनगर जिले के आसपास हों, वे महापंचायत में शामिल हों. उन्होंने कहा कि कल देर रात बीजेपी के एक विधायक अपने गुंडों के साथ वहां पहुंचे. वे किसानों को मारने, पीटने और धमकाने लगे. इससे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आहत हुए हैं.

मास्टर श्योराज सिंह
मास्टर श्योराज सिंह

नई दिल्ली/नोएडा: चिल्ला बॉर्डर पर धरना समाप्त होने के बाद करीब 5 घंटे बाद बुधवार देर रात सेक्टर 95 दलित प्रेरणा स्थल पर बैठे किसान भी आंदोलन खत्म कर घर चले गए. तीनों कृषि कानून और एमएसपी की गारंटी कानून को लेकर पिछले तकरीबन 2 महीने से किसान प्रदर्शन कर रहे थे. आंदोलन खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने एक बार फिर से दमखम दिखाया है.

गाजीपुर में देर रात हुए घमासान के बाद भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने टिकैत संगठन को समर्थन दिया है. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों से अपील की है कि एक ही छत के नीचे से आवाज बुलंद की जाएगी. ऐसे में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे सभी टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें.

मास्टर श्योराज सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष-भाकियू (लोक शक्ति).

'दमनकारी नीतियों का समर्थन नहीं करेंगे'

भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने जारी किए बयान में कहा कि उनके संगठन से जुड़े सभी कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें और जो लोग मुजफ्फरनगर जिले के आसपास हों, वे महापंचायत में शामिल हों. उन्होंने कहा कि गुरुवार देर रात भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक अपने गुंडों के साथ वहां पहुंचे और किसानों को मारने, पीटने और धमकाने का काम किया. इससे भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आहत हुए हैं.

उससे पहले राकेश टिकैत ने गिरफ्तारी और आंदोलन खत्म करने जैसी बात कही थी, लेकिन बीजेपी के विधायक द्वारा ऐसे कृत्य किए जाने से वह आहत हुए. भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) किसी भी दमनकारी नीति का समर्थन नहीं करती है. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति), टिकैत संगठन को समर्थन देती है. उन्होंने कहा कि लोकशक्ति संगठन का एक-एक कार्यकर्ता टिकैत संगठन के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और गाजीपुर से ही आवाज बुलंद करेगा.

आंदोलन खत्म, जाम से मिली निजात

दूसरी तरफ दोनों गुट का आंदोलन खत्म होने के बाद नोएडा और दिल्ली का रास्ता दोबारा सुचारू रूप से शुरू हो गया है. तकरीबन 2 महीने से चिल्ला बॉर्डर बंद था. इसकी वजह से डीएनडी पर दबाव होने के चलते लोगों को जाम की स्थिति से भी जूझना पड़ता था.

नई दिल्ली/नोएडा: चिल्ला बॉर्डर पर धरना समाप्त होने के बाद करीब 5 घंटे बाद बुधवार देर रात सेक्टर 95 दलित प्रेरणा स्थल पर बैठे किसान भी आंदोलन खत्म कर घर चले गए. तीनों कृषि कानून और एमएसपी की गारंटी कानून को लेकर पिछले तकरीबन 2 महीने से किसान प्रदर्शन कर रहे थे. आंदोलन खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने एक बार फिर से दमखम दिखाया है.

गाजीपुर में देर रात हुए घमासान के बाद भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने टिकैत संगठन को समर्थन दिया है. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों से अपील की है कि एक ही छत के नीचे से आवाज बुलंद की जाएगी. ऐसे में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे सभी टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें.

मास्टर श्योराज सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष-भाकियू (लोक शक्ति).

'दमनकारी नीतियों का समर्थन नहीं करेंगे'

भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने जारी किए बयान में कहा कि उनके संगठन से जुड़े सभी कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें और जो लोग मुजफ्फरनगर जिले के आसपास हों, वे महापंचायत में शामिल हों. उन्होंने कहा कि गुरुवार देर रात भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक अपने गुंडों के साथ वहां पहुंचे और किसानों को मारने, पीटने और धमकाने का काम किया. इससे भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आहत हुए हैं.

उससे पहले राकेश टिकैत ने गिरफ्तारी और आंदोलन खत्म करने जैसी बात कही थी, लेकिन बीजेपी के विधायक द्वारा ऐसे कृत्य किए जाने से वह आहत हुए. भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) किसी भी दमनकारी नीति का समर्थन नहीं करती है. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति), टिकैत संगठन को समर्थन देती है. उन्होंने कहा कि लोकशक्ति संगठन का एक-एक कार्यकर्ता टिकैत संगठन के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और गाजीपुर से ही आवाज बुलंद करेगा.

आंदोलन खत्म, जाम से मिली निजात

दूसरी तरफ दोनों गुट का आंदोलन खत्म होने के बाद नोएडा और दिल्ली का रास्ता दोबारा सुचारू रूप से शुरू हो गया है. तकरीबन 2 महीने से चिल्ला बॉर्डर बंद था. इसकी वजह से डीएनडी पर दबाव होने के चलते लोगों को जाम की स्थिति से भी जूझना पड़ता था.

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