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दलित उत्पीड़न के मामले में तीन भाइयों को 4-4 साला कारावास - Firozabad latest news

फिरोजाबाद के एससी-एसटी कोर्ट ने दलित उत्पीड़न के मामले में तीन सगे भाइयों 4-4 साल कारावास के साथ अर्थदंड की सजा सुनाई है.

एससी-एसटी कोर्ट का फैसला
एससी-एसटी कोर्ट का फैसला
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 10:24 PM IST

फिरोजाबाद: जनपद की विशेष एससी-एसटी अदालत ने साल 2016 में दलितों को पीटने वाले तीन सगे भाइयों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने तीनों दोषी भाइयों को चार-चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, तीनों पर साढ़े तीन-तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जिसे अदा न करने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक थाना खैरगढ़ के क्षेत्र मलकापुर निवासी प्रदीप कुमार पुत्र ओमपाल 9 मार्च 2016 को गांव में धर्मपाल के बोरे उतरवा रहा था. उसी दौरान गांव के मंगल सिंह रामकिशोर और सोबरन पुत्र उदल सिंह वहां पर पहुंच गए. उन लोगों ने प्रदीप को मारपीट कर घायल कर दिया. गाली-गलौज कर उसे जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया. वहीं, प्रदीप की मां के साथ भी मारपीट की. चीख पुकार सुन लोगों मौके पर पहुंच कर बचाया. प्रदीप ने तीनों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने विवेचना कर कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मुकदमा की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एससी एसटी इफराक अहमद की अदालत में हुई.

विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य भी न्यायालय के सामने पेश किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने तीनों भाइयों को दलित उत्पीड़न का दोषी माना. न्यायालय ने तीनों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है साथ ही उन पर साढ़े तीन-तीन हजार रुपया अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर उन्हें एक एक वर्ष के कारावास की सजा भी भुगतनी होगी.

फिरोजाबाद: जनपद की विशेष एससी-एसटी अदालत ने साल 2016 में दलितों को पीटने वाले तीन सगे भाइयों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने तीनों दोषी भाइयों को चार-चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, तीनों पर साढ़े तीन-तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जिसे अदा न करने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक थाना खैरगढ़ के क्षेत्र मलकापुर निवासी प्रदीप कुमार पुत्र ओमपाल 9 मार्च 2016 को गांव में धर्मपाल के बोरे उतरवा रहा था. उसी दौरान गांव के मंगल सिंह रामकिशोर और सोबरन पुत्र उदल सिंह वहां पर पहुंच गए. उन लोगों ने प्रदीप को मारपीट कर घायल कर दिया. गाली-गलौज कर उसे जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया. वहीं, प्रदीप की मां के साथ भी मारपीट की. चीख पुकार सुन लोगों मौके पर पहुंच कर बचाया. प्रदीप ने तीनों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने विवेचना कर कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मुकदमा की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एससी एसटी इफराक अहमद की अदालत में हुई.

विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य भी न्यायालय के सामने पेश किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने तीनों भाइयों को दलित उत्पीड़न का दोषी माना. न्यायालय ने तीनों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है साथ ही उन पर साढ़े तीन-तीन हजार रुपया अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर उन्हें एक एक वर्ष के कारावास की सजा भी भुगतनी होगी.

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