फिरोजाबाद: जिले के शिकोहाबाद शहर के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है. साल 2011-12 में नगर पालिका ने लोगों पर 100 गुना जो टैक्स लगाया था. उस पर रोक जारी रहेगी. यही नहीं जिन अधिकारियों ने बढ़ा हुआ टैक्स लगाया था. उनपर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही जो बढ़ी हुई धनराशि वसूली गई थी उसे 10 फीसदी ब्याज के साथ वापस करनी होगी.
क्या था मामला ?
साल 2011-2012 में शिकोहाबाद की नगर पालिका ने टैक्स का निर्धारण किया था. नए टैक्स निर्धारण में नगर पालिका ने 100 गुने से भी ज्यादा टैक्स की दरें बढ़ा दी थीं. मतलब यह कि जो मकान मालिक 500 रुपये प्रति वर्ष टैक्स के रूप में देते थे. उन पर नगर पालिका ने 50 हजार से भी अधिक का टैक्स लगाया था.
शिकोहाबाद के ही व्यापारी रमेश चंद्र अग्रवाल ने नगर पालिका के तुगलकी फरमान के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए नगर पालिका के इस फैसले को बेतुका माना. यही नहीं हाईकोर्ट ने नगर पालिका को निर्देश दिए कि इस कर निर्धारण को वापस लिया जाए. साथ ही जिन लोगों से बढ़ी हुई धनराशि वसूली गई है. उसे 10 फीसदी ब्याज के साथ वापस किया जाए. वहीं, हाईकोर्ट ने जिम्मेदार अफसरों पर 50-50 हजार का अर्थदंड भी लगाया है.
हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ नगर पालिका शिकोहाबाद सुप्रीम कोर्ट भी गई थी. इधर वादी रमेश चंद्र अग्रवाल और इलाहाबाद हाईकोर्ट को अधिवक्ता हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि नगर पालिका ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस ले लिया है. लिहाजा अब हाईकोर्ट का ही आदेश प्रभावी रहेगा. नगर पालिका को वसूली गई टैक्स की राशि को 10 फीसदी ब्याज के साथ वापस करना होगा. पुरानी दर पर ही टैक्स की वसूली करनी होगी. जिम्मेदार अफसरों से 50-50 हजार का जुर्माना भी देना होगा. इस संबंध में नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी अवधेश कुमार का कहना है कि पूरे प्रकरण से शासन को अवगत करा दिया गया है. शासन के जो भी निर्देश होंगे. उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
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