फिरोजाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन किसानों का यह आंदोलन फिरोजाबाद के छोटे किसानों को महंगा पड़ रहा है. जिले में मिर्च की खेती करने वाले किसानों को इस आंदोलन की वजह से फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा. आंदोलन से पहले शिमला और आचार वाली मिर्च की कीमत 3500 रुपये प्रति क्विंटल थी. अब इन मिर्च की कीमत गिरकर 1500 से लेकर 2000 रुपये प्रति क्विंटल रह गयी है.
फसल का कीमतों पर खासा असर
फिरोजाबाद आलू के साथ-साथ मिर्च के उत्पादन के लिए भी माना जाता है. यहां के नारखी इलाके में शिमला मिर्च के साथ-साथ अचार की मिर्च की बम्पर खेती होती है. अनुमानित आंकड़े के अनुसार इस इलाके में करीब 10 हजार किसान मिर्च की खेती करते हैं और करीब एक हजार हेक्टेयर में यह खेती होती है. बीते एक माह से मिर्च को पौधों से तोड़ा जा रहा है. यहां की मिर्च बिकने के लिए दिल्ली के साथ जयपुर, कानपुर और हरियाणा भी जाती है.
दिल्ली का बॉर्डर सील
किसानों ने मिर्च की तोड़ाई शुरू की थी, तब सब कुछ ठीक ठाक था. अब किसानों के आंदोलन के कारण इस फसल का मूल्य गिर गया है. इस इलाके में मिर्च की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि किसान आंदोलन से पहले मिर्च की कीमत साढ़े तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल थी. यह अब घटकर 1500 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है. किसानों की मानें तो दिल्ली का बॉर्डर सील होने की वजह से वह अपनी फसल दिल्ली की मंडी में नहीं ले जा पा रहे हैं. इसकी वजह से अन्य मंडियों में मिर्च को बेचना पड़ रहा है, लेकिन वहां भाव नहीं मिल रहा है.