फिरोजाबाद: जिले में भूमिगत जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. जिले के नौ में से पांच ब्लाक डार्क एरिया भी घोषित हो चुके हैं. जिसे लेकर लोगों के साथ-साथ प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है, लेकिन राहत की बात यह है कि सरकार अब जल स्तर को उठाने का प्रयास कर रही है. बरसात के जल को संरक्षित करने के लिए तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है.
शहरी इलाका हो या फिर ग्रामीण, सभी जगह पानी का संकट है. यही वजह है कि सुहाग नगरी में भूमिगत जल स्तर इस कदर नीचे गिर गया है और जिले के नौ में से पांच विकास खंड तो डार्क एरिया घोषित हो चुके हैं. जो ब्लॉक डार्क एरिया घोषित हो चुके हैं. उनमें फिरोजाबाद सदर, नारखी, टूण्डला, अरॉव और मदनपुर शामिल हैं. डार्क एरिया का मतलब ये है कि यहां पानी भूगर्भ में मानक से भी काफी नीचे गिर चुका है.
पानी की बढ़ती समस्या को लेकर भूगर्भ में जल स्तर को उठाने के प्रयास भी हो रहे हैं. एक तरफ जहां सरकार वॉटर रिचार्जिंग के जरिये जल स्तर उठाने के लिए आम आदमी को जागरूक कर रही है तो वहीं सरकारी स्तर पर भी कई कदम उठाए जा रहें है. बता दें, मनरेगा योजना से फिरोजाबाद में 212 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. वहीं 45 तालाबों को आदर्श तालाबों के रूप में विकसित भी किया जायेगा.
मुख्य बिंदु
- जिले के नौ में से पांच ब्लॉक डार्क एरिया घोषित.
- मनरेगा योजना से 212 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार.
- आदर्श तालाब के रूप में विकसित होंगे 45 तालाब.
- तालाबों के जीर्णोद्धार में खर्च की जाएगी 29 लाख की धनराशि.
जो आदर्श तालाब हैं उनके किनारों पर वृक्षारोपण किया जायेगा. तालाबों के जीर्णोद्धार पर तीन करोड़ 29 लाख की धनराशि खर्च होगी. 45 तालाबों को तो आदर्श तालाबों के रूप में विकसित किया जायेगा.
-देवेंद्र प्रताप सिंह, डिप्टी कमिश्नर, मनरेगा