फिरोजाबाद: सड़कों पर आवारा घूमने वाले गोवंश का सही ढंग से पालन पोषण हो सके और आवारा जानवरों की समस्या पर लगाम लग सके. इसके लिए यूपी में सरकार ने मुख्यमंत्री बेसहारा, निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना को लागू किया है. लेकिन फिरोजाबाद जनपद में यह योजना लोगों की बेरुखी का शिकार बन कर रह गयी है. इस जनपद में महज 560 लोग ही गायों को गोद लेने के लिए आगे आये हैं. इस योजना में लोग रूचि नहीं ले रहे हैं. इसकी एक वजह गायों का कम दूध देना और चारे पर महंगाई को जिम्मेदार माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री बेसहारा निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना के तहत सरकार गायों को पालने के लिए गोद लेने पर उसे 30 रुपये प्रति गाय प्रतिदिन की दर से भुगतान करती है. जो व्यक्ति गाय को लेना चाहता है उसे निर्धारित शर्तो का पालन करना पड़ता है. एक व्यक्ति को अधिकतम चार गायें मिल सकतीं है. जो व्यक्ति इन्हें गोद लेना चाहता है उसे गोशाला से ही इन गायों को लेना पड़ेगा. सरकार कुछ कागज जैसे आधार कार्ड भी पशुपालन से लेती है और गाय के कान पर टैग लगाकर ही गोद लेने वाले व्यक्ति के सुपुर्द गाय को किया जाता है.
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दरअसल, सरकार की मंशा के मुताबिक आवारा सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश की इस समस्या को लगाम लगाना है. हालांकि, फिरोजाबाद जनपद की बात करें तो आवारा गोवंश की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए यहां कुल मिलाकर 42 गोशालाएं संचालित की जा रही हैं. जिले में 39 गोशालाएं अस्थायी हैं, एक कान्हा गोशाला है. जबकि मदावली, कंजीखेड़ा में स्थायी गोशालाएं है. इनमें चार हजार से अधिक गोवंश संरक्षित है. वाबजूद इसके जनपद की सड़कों पर सैकड़ों गोवंश आवारा विचरण करते हुए और किसानों की फसल को उजाड़ते हुए देखे जा सकते है. ऐसे पशुओं को आश्रय मिल सके, इस मकसद से इस योजना को लागू किया गया है. इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार ने कहा कि, लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऐसे पशुओं को गोद लें. इसके लिए इच्छुक लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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