फिरोजाबाद: योगी सरकार ने वादा किया था कि जिन बच्चों के माता-पिता या फिर उनमें से किसी एक की भी कोविड संक्रमण के चलते मौत हुई है तो यूपी सरकार ऐसे बच्चों की हर सम्भव मदद करेगी, लेकिन यूपी के फिरोजाबाद जिले में जो हकीकत है, वह सरकार के दावों के विपरीत है. हालत यह है कि जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 25 है, जिनमें से किसी के सिर से माता तो किसी के सिर से पिता का साया उठ चुका है, लेकिन सरकार ने उनकी अभी तक कोई मदद नहीं की है.
बता दें, 18 साल से कम उम्र वाले जिन बच्चों के सिर से माता या पिता का साया उठा है, ऐसे बच्चों की संख्या 25 है. ब्लॉक वार बात करें तो फिरोजाबाद सदर ब्लॉक में 10, शिकोहाबाद में पांच, नारखी में 7 और टूण्डला में तीन बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने माता या फिर पिता को कोरोना से खोया है. कुछ परिवार तो ऐसे हैं, जिनके सामने चूल्हा तक जलाने का संकट है. सरकार ने ऐसे बच्चों की आर्थिक मदद और निःशुल्क पढ़ाई का वादा किया था, लेकिन फिरोजाबाद में इन 25 बच्चों को अभी तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है.
सुनिए...इस परिवार की दास्तान
फिरोजाबाद शहर के उत्तर कोतवाली इलाके के विभव नगर में रहने वाली चारुल अग्रवाल की दास्तान बेहद दर्दनाक है. चारुल के पति विकास अग्रवाल 22 अप्रैल को कोविड महामारी की चपेट में आ गए थे. 24 अप्रैल को उन्हें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कराया गया था. 28 अप्रैल को विकास की मौत हो गई. पत्नी का आरोप है कि विकास को उचित इलाज नहीं मिला. उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली, जिसकी वजह से उनकी जान गई. इतना ही नहीं, विकास की मौत की जानकारी भी परिजनों को नहीं दी गई थी.
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चारुल के आठ साल का एक बेटा और छह साल की बेटी है. दोनों के ही सिर से पिता का साया उठ चुका है. चारुल पहले किराए के मकान में रहती थीं, लेकिन पति की मौत के बाद अब आमदनी का जरिया बंद हुआ तो वह एक रिश्तेदार के यहां रह रहीं है. सरकार ने जब ऐसे बच्चों की मदद का एलान किया था तो चारुल को भी यह उम्मीद जगी थी कि कुछ मदद उनकी भी हो सकेगी, लेकिन अभी तक उनकी कोई मदद नहीं हो सकी है.
क्या कहते हैं अफसर
इस मामले में जब फिरोजाबाद के मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ से बात की गई तो उनका कहना है कि जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 25 है, जिनके माता या पिता की कोविड से जान गई है. इनकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. मदद शासन स्तर से होगी.