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पंचायत चुनाव: दांव पर है कई दिग्गजों की साख, इस पार्टी का रहा है दबदबा

आगामी विधानसभा चुनाव का सेमीफाइल माने जा रहे पंचायत चुनाव में फिरोजाबाद जिले में कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. मुलायम सिंह यादव के समधी और सिरसागंज से विधायक हरिओम यादव पार्टी से निष्कासित चल रहे हैं. अब हरिओम यादव का परिवार फिरोजाबाद में सपा के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहा है.

फिरोजाबाद पंचायत चुनाव
फिरोजाबाद पंचायत चुनाव
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Published : Apr 16, 2021, 2:55 PM IST

फिरोजबाद: जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 26 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान होगा. तीसरे चरण के लिए नामांकन का कार्य 15 अप्रैल को पूरा हो गया. इस बार पंचायत चुनाव में जिले के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव 2022 का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है. फिरोजाबाद में कई राजनीतिक सूरमा के परिजनों ने जिला पंचायत चुनाव में दावेदारी पेश की है. खासकर मुलायम सिंह यादव के समधी सिरसागंज से विधायक हरिओम यादव (पार्टी से निष्कासित) का परिवार फिरोजाबाद में सपा के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहा है.

दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा

राजनीति के दिग्गजों के लिए चुनौती बना पंचायत चुनाव

जिले में जिला पंचायत के 33 वार्डों के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इस बार कई बड़े राजनीतिक घराने भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उन परिवारों की प्रतिष्ठा सबसे ज्यादा दांव पर लगी है, जिनकी रिश्तेदारी सैफई परिवार से जुड़ी है. सपा के सिरसागंज विधायक हरिओम यादव की पत्नी राम सखी यादव और बेटे विजय प्रताप इस बार जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी मैदान में हैं. वैसे तो विधायक हरिओम यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी लगते हैं और उन्होंने सपा के टिकट पर ही साल 2017 में सिरसागंज सीट से चुनाव जीता था. लेकिन, इसी साल पार्टी लाइन से हटकर काम करने पर उन्हें सपा से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. लिहाजा उनका परिवार पंचायत चुनाव में सपा के खिलाफ चुनौती पेश कर रहा है.

इसे भी पढ़ें-संध्या यादव का भाजपा में जाना आपसी सांठगांठ का ताजा उदाहरण: शाहनवाज आलम

दांव पर पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव की पत्नी और बेटे की साख

इस चुनाव में विधायक हरिओम यादव की पत्नी और बेटे के मैदान में उतरने से उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इसी तरह जसराना के पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव की पत्नी मीरा देवी और पुत्र अमोल यादव जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में हैं. इस चुनाव में इनकी प्रतिष्ठा इसलिए भी दांव पर है क्योंकि पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव की सैफई परिवार से रिश्तेदारी है. साथ ही इनकी पत्नी मीरा यादव को बीजेपी ने अपना समर्थित उम्मीदवार बनाया है. इनके बेटे अमोल यादव साल 2018 में बीजेपी के समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए थे. इसी तरह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिया यादव सपा से और सुमन चतुर्वेदी, हर्षिता बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं. सुमन चतुर्वेदी जहां वर्तमान में राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं तो वहीं हर्षिता पूर्व मंत्री जयवीर सिंह की पुत्रवधू हैं.

इसे भी पढ़ें-मुलायम का छलका दर्द, कहा- सपा से दूर करने की हो रही साजिश

जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट के लिए सपा-भाजपा आमने-सामने

इस बार पंचायत चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने सभी वार्डों पर अपने-अपने समर्थित प्रत्याशी घोषित किए हैं. फिरोजाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सबसे ज्यादा सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी है, क्योंकि ज्यादातर अध्यक्ष सपा के ही रहे हैं. इस बार फिर सपा ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अध्यक्ष पद पर एक बार फिर कब्जा करना चाहती है. वहीं बीजेपी अधिकांश प्रत्याशियों को जीत दिलाकर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है. हालांकि दावेदारी में कांग्रेस भी पीछे नहीं है.

फिरोजबाद: जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 26 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान होगा. तीसरे चरण के लिए नामांकन का कार्य 15 अप्रैल को पूरा हो गया. इस बार पंचायत चुनाव में जिले के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव 2022 का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है. फिरोजाबाद में कई राजनीतिक सूरमा के परिजनों ने जिला पंचायत चुनाव में दावेदारी पेश की है. खासकर मुलायम सिंह यादव के समधी सिरसागंज से विधायक हरिओम यादव (पार्टी से निष्कासित) का परिवार फिरोजाबाद में सपा के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहा है.

दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा

राजनीति के दिग्गजों के लिए चुनौती बना पंचायत चुनाव

जिले में जिला पंचायत के 33 वार्डों के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इस बार कई बड़े राजनीतिक घराने भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उन परिवारों की प्रतिष्ठा सबसे ज्यादा दांव पर लगी है, जिनकी रिश्तेदारी सैफई परिवार से जुड़ी है. सपा के सिरसागंज विधायक हरिओम यादव की पत्नी राम सखी यादव और बेटे विजय प्रताप इस बार जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी मैदान में हैं. वैसे तो विधायक हरिओम यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी लगते हैं और उन्होंने सपा के टिकट पर ही साल 2017 में सिरसागंज सीट से चुनाव जीता था. लेकिन, इसी साल पार्टी लाइन से हटकर काम करने पर उन्हें सपा से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. लिहाजा उनका परिवार पंचायत चुनाव में सपा के खिलाफ चुनौती पेश कर रहा है.

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दांव पर पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव की पत्नी और बेटे की साख

इस चुनाव में विधायक हरिओम यादव की पत्नी और बेटे के मैदान में उतरने से उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इसी तरह जसराना के पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव की पत्नी मीरा देवी और पुत्र अमोल यादव जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में हैं. इस चुनाव में इनकी प्रतिष्ठा इसलिए भी दांव पर है क्योंकि पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव की सैफई परिवार से रिश्तेदारी है. साथ ही इनकी पत्नी मीरा यादव को बीजेपी ने अपना समर्थित उम्मीदवार बनाया है. इनके बेटे अमोल यादव साल 2018 में बीजेपी के समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए थे. इसी तरह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिया यादव सपा से और सुमन चतुर्वेदी, हर्षिता बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं. सुमन चतुर्वेदी जहां वर्तमान में राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं तो वहीं हर्षिता पूर्व मंत्री जयवीर सिंह की पुत्रवधू हैं.

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जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट के लिए सपा-भाजपा आमने-सामने

इस बार पंचायत चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने सभी वार्डों पर अपने-अपने समर्थित प्रत्याशी घोषित किए हैं. फिरोजाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सबसे ज्यादा सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी है, क्योंकि ज्यादातर अध्यक्ष सपा के ही रहे हैं. इस बार फिर सपा ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अध्यक्ष पद पर एक बार फिर कब्जा करना चाहती है. वहीं बीजेपी अधिकांश प्रत्याशियों को जीत दिलाकर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है. हालांकि दावेदारी में कांग्रेस भी पीछे नहीं है.

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