फिरोजाबाद: नगर निगम के पम्प ऑपरेटर अब आंदोलन की राह पर है. ऑपरेटरों को मिलने वाले मानदेय पर रोक लगाने से इन ऑपरेटरों को मानदेय नहीं मिल पा रहा है. इससे नाराज इन ऑपरेटरों ने नगर निगम में जमकर हंगामा किया. साथ ही मेयर मुर्दाबाद के नारे लगाए. प्रदर्शन के दौरान ऑपरेटरों ने सड़कों पर सांकेतिक रूप से भीख मांगी.
नगर निगम में करीब 500 पम्प ऑपरेटर हैं. पिछले दिनों नगर निगम की मेयर नूतन राठौर ने एक प्रेस वार्ता बुलाकर यह कहा था कि पम्प ऑपरेटर का ठेकेदार भ्रष्टाचार कर रहा है. उन्होंने कहा था कि तमाम ऑपरेटर ऐसे हैं, जो गलत तरीके से मानदेय ले रहे हैं. यानी ऑपरेटर जल निगम के साथ-साथ नगर निगम से भी मानदेय ले रहे हैं, जो गलत है. इसके साथ ही ठेकेदार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. जो पत्रावली उससे मांगी गई है उसे भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसी के मद्देनजर जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक मेयर ने ऑपरेटरों के मानदेय पर रोक लगा दी है.
उधर मानदेय न मिलने से पम्प ऑपरेटर नाराज हैं. उन्होंने मेयर के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया है. शुक्रवार को ऑपरेटरों ने जलकल विभाग और नगर निगम में प्रदर्शन कर नारेबाजी की. इस दौरान पम्प ऑपरेटर हाथों में कटोरा नुमा डिब्बा लेकर सड़कों पर निकल गए और उन्होंने राहगीरों को रोककर उनसे भीख मांगी. पम्प ऑपरेटरों का कहना है कि जो भीख की राशि इकट्ठा होगी, उसे नगर आयुक्त को देंगे और उनसे मांग करेंगे कि वह मेयर को यह राशि सौंप दें. उन्होंने बताया है कि मानदेय पर रोक लगाने से उनके परिवार के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. ऑपरेटरों को मात्र साढ़े सात हजार रुपये ही मिलते हैं, वह भी अभी बंद हो गए हैं.
फिरोजाबाद: मानदेय रोके जाने से नाराज पम्प ऑपरेटरों ने सड़कों पर मांगी भीख - फिरोजाबाद की खबर
यूपी के फिरोजाबाद नगर निगम के पम्प ऑपरेटरों ने नगर निगम में जमकर हंगामा किया. साथ ही मेयर मुर्दाबाद के नारे लगाए. प्रदर्शन के दौरान ऑपरेटरों ने सड़कों पर सांकेतिक रूप से भीख मांगकर विरोध भी जताया.
फिरोजाबाद: नगर निगम के पम्प ऑपरेटर अब आंदोलन की राह पर है. ऑपरेटरों को मिलने वाले मानदेय पर रोक लगाने से इन ऑपरेटरों को मानदेय नहीं मिल पा रहा है. इससे नाराज इन ऑपरेटरों ने नगर निगम में जमकर हंगामा किया. साथ ही मेयर मुर्दाबाद के नारे लगाए. प्रदर्शन के दौरान ऑपरेटरों ने सड़कों पर सांकेतिक रूप से भीख मांगी.
नगर निगम में करीब 500 पम्प ऑपरेटर हैं. पिछले दिनों नगर निगम की मेयर नूतन राठौर ने एक प्रेस वार्ता बुलाकर यह कहा था कि पम्प ऑपरेटर का ठेकेदार भ्रष्टाचार कर रहा है. उन्होंने कहा था कि तमाम ऑपरेटर ऐसे हैं, जो गलत तरीके से मानदेय ले रहे हैं. यानी ऑपरेटर जल निगम के साथ-साथ नगर निगम से भी मानदेय ले रहे हैं, जो गलत है. इसके साथ ही ठेकेदार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. जो पत्रावली उससे मांगी गई है उसे भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसी के मद्देनजर जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक मेयर ने ऑपरेटरों के मानदेय पर रोक लगा दी है.
उधर मानदेय न मिलने से पम्प ऑपरेटर नाराज हैं. उन्होंने मेयर के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया है. शुक्रवार को ऑपरेटरों ने जलकल विभाग और नगर निगम में प्रदर्शन कर नारेबाजी की. इस दौरान पम्प ऑपरेटर हाथों में कटोरा नुमा डिब्बा लेकर सड़कों पर निकल गए और उन्होंने राहगीरों को रोककर उनसे भीख मांगी. पम्प ऑपरेटरों का कहना है कि जो भीख की राशि इकट्ठा होगी, उसे नगर आयुक्त को देंगे और उनसे मांग करेंगे कि वह मेयर को यह राशि सौंप दें. उन्होंने बताया है कि मानदेय पर रोक लगाने से उनके परिवार के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. ऑपरेटरों को मात्र साढ़े सात हजार रुपये ही मिलते हैं, वह भी अभी बंद हो गए हैं.