फिरोजाबाद: नगर निगम में एक बड़े पम्प ऑपरेटर घोटाले का खुलासा हुआ है. इस घोटाले का खुलासा नगर निगम की मेयर नूतन राठौर के निरीक्षण के दौरान हुआ. खुलासे में सामने आया कि नगर निगम का ठेकेदार हर माह नगर निगम को 31 लाख रुपये का चूना लगा रहा था. दरअसल, नगर निगम हर माह 67 लाख रुपये पम्प ऑपरेटर को मानदेय के भुगतान के लिए देता है, लेकिन मेयर के मुताबिक केवल 36 लाख रुपये ही बांटा जाता है. मेयर के पास ऐसे 27 पम्प ऑपरेटरों की सूची भी है जो दो-दो जगहों से मानदेय ले रहे थे. खुलासा होने के बाद अब नगर निगम इस ठेकेदार के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई करने जा रहा है.
नगर निगम की मेयर नूतन राठौर नगर निगम की महापौर नूतन राठौर ने अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि आठ सितम्बर को उन्होंने कुछ नलकूपों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ ऑपरेटर जल निगम से भी मानदेय ले रहे हैं और नगर निगम से भी मानदेय ले रहे हैं. महापौर ने बताया कि जब उन्होंने ठेकेदार को तलब कर उनसे दस्तावेज मांगे तो ठेकेदार ने कोई दस्तावेज नहीं दिया. ठेकेदार को ठेका ही गलत तरीके से दिया गया है. ठेका फर्म को दिया गया, लेकिन टेंडर को मैनेज कर ठेका एक अन्य व्यक्ति को दे दिया गया है.उन्होंने कहा कि जब मामले की जांच अपने स्तर से करायी तो पता चला कि 27 ऑपरेटर ऐसे हैं जिनकी भूमिका संदिग्ध है और दो-दो जगहों से पैसा ले रहे हैं. इसके अलावा ठेकेदार को नगर निगम से हर माह पम्प ऑपरेटरों के भुगतान के लिए 67 लाख रुपया दिया जाता है, लेकिन ठेकेदार ऑपरेटरों के बीच केवल 36 लाख रुपया ही बंटता है जो एक बड़ा भ्रष्टाचार है.
इस भ्रष्टाचार में ठेकेदार हर माह 31 लाख रुपये का गबन कर रहा है. इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक पम्प ऑपरेटर का भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
-नूतन राठौर, महापौर नगर निगम