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नाबालिग लड़की को भगाने के मुख्य गुनहगार को उम्रकैद - उम्र कैद की सजा

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की अदालत ने नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मुख्य दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 53 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

District and session court Firozabad
जनपद एवं सत्र न्यायालय फिरोजाबाद.
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Published : Apr 10, 2021, 5:59 AM IST

फिरोजाबाद : जिले की अदालत ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के दो दोषियों को सजा सुनाई है. अदालत ने जहां मुख्य आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए 53 हजार का अर्थदंड लगाया है, वहीं आरोपी के भांजे और दूसरे अभियुक्त श्याम सुंदर को पांच साल की सजा सुनाते हुए तीन हजार का जुर्माना लगाया.

31 दिसम्बर 2016 को हुई थी घटना

अभियोजन पक्ष के अनुसार, लाइनपार थाना क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी 14 साल की एक किशोरी 31 दिसम्बर 2016 को शौच को गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. किशोरी की खोजबीन करने पर किशोरी के बाबा को एक महिला ने बताया कि उनकी नातिन को मोहल्ले का ही रहने वाला नीरज पुत्र भगवती ले गया है. इस मामले में किशोरी के बाबा ने नीरज, नीरज के भाई जितेंद्र और भांजे श्यामसुंदर को नामजद किया था. पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद जितेंद्र की नामजदगी गलत पाई. जबकि नीरज और श्याम सुंदर के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया

मुख्य गुनहगार को उम्र कैद की सजा

मामले की सुनवाई अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम अरविन्द यादव की कोर्ट में हुुई. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और नीरज को उम्र कैद की सजा सुनाई. साथ ही 53 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं दूसरे अभियुक्त श्याम सुंदर को पॉक्सो एक्ट का दोषी न मानते हुए अन्य धाराओं में पांच साल की सजा और तीन हजार का जुर्माना भी लगाया. मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह द्वारा की गई.

इसे भी पढ़ें - लखनऊ के अस्पतालों की हालत खराब, खुद डॉक्टर हो रहे कोरोना संक्रमित

फिरोजाबाद : जिले की अदालत ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के दो दोषियों को सजा सुनाई है. अदालत ने जहां मुख्य आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए 53 हजार का अर्थदंड लगाया है, वहीं आरोपी के भांजे और दूसरे अभियुक्त श्याम सुंदर को पांच साल की सजा सुनाते हुए तीन हजार का जुर्माना लगाया.

31 दिसम्बर 2016 को हुई थी घटना

अभियोजन पक्ष के अनुसार, लाइनपार थाना क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी 14 साल की एक किशोरी 31 दिसम्बर 2016 को शौच को गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. किशोरी की खोजबीन करने पर किशोरी के बाबा को एक महिला ने बताया कि उनकी नातिन को मोहल्ले का ही रहने वाला नीरज पुत्र भगवती ले गया है. इस मामले में किशोरी के बाबा ने नीरज, नीरज के भाई जितेंद्र और भांजे श्यामसुंदर को नामजद किया था. पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद जितेंद्र की नामजदगी गलत पाई. जबकि नीरज और श्याम सुंदर के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया

मुख्य गुनहगार को उम्र कैद की सजा

मामले की सुनवाई अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम अरविन्द यादव की कोर्ट में हुुई. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और नीरज को उम्र कैद की सजा सुनाई. साथ ही 53 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं दूसरे अभियुक्त श्याम सुंदर को पॉक्सो एक्ट का दोषी न मानते हुए अन्य धाराओं में पांच साल की सजा और तीन हजार का जुर्माना भी लगाया. मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह द्वारा की गई.

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