फिरोजाबाद: जिले में एक माइनर की पटरी कटने से 50 से ज्यादा किसानों की कई बीघा फसल जलमग्न हो गयी. बताया जा रहा है कि माइनर की पटरी काफी कमजोर थी, जो पानी के तेज बहाव को नहीं रोक सकी. पटरी टूटने के कारण माइनर का पानी खेतों में भर गया. किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को भी जानकारी दी. वहीं अधिशासी अभियंता का कहना है कि किसान खुद ही नहर को काट लेते हैं, जिसकी वजह से समस्या पैदा हुई है. उन्होंने बताया कि सहायक अभियंता को पटरी की मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं.
जिले की शिकोहाबाद तहसील इलाके में एक माइनर है, जो बदनपुर गांव से निकलता है और पेंगू गांव तक जाता है. इस माइनर में सिंचाई विभाग ने पानी छोड़ रखा है, जिससे किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर सकें और आलू की फसल के लिए खेतों की पलेवट कर सकें, लेकिन किसानों के सामने मुसीबत उस वक्त खड़ी हो गयी, जब सुबह उन्होंने अपने खेतों को पानी से लबालब देखा.
बाजरा, मिर्च और धान के खेत पानी से भरे थे और तो और गांव को जाने वाले रास्तों पर भी पानी भरा था. लोग पानी में होकर निकल रहे थे. दरअसल में यह हालत सूरजपुर रुधेनी गांव के पास माइनर की पटरी टूट जाने के कारण हुयी है.
किसानों ने बताया कि माइनर की पटरी कटने से 50 से ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं, जिनकी फसल पानी में डूब गई है. पहले तो किसानों ने खुद ही पटरी को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति न सुधरने पर सिंचाई विभाग को इसकी जानकारी दी. सिंचाई विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर नहर की पटरी को ठीक किया, तब जाकर किसानों ने रहत की सांस ली. पानी का बहाव तो बंद हो गया, लेकिन फसलों में पानी भरने की बजह से खेतों में खड़ी फसल के खराब होने की आशंका पैदा हो गयी है.
इस बारे में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जेके लाल का कहना है कि किसान खुद ही सिंचाई के पानी के लिए नहर की पटरी काट लेते हैं. पहले भी पटरी काटी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि नहर की पटरी की मरम्मत कराने के निर्देश सहायक अभियंता को दे दिये गए हैं, जल्द ही समाधान होगा.