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परिवार नियोजन अभियान पर कोरोना की मार, कम हुए ऑपरेशन - firozabad hindi news

फिरोजाबाद में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत होने वाले नसबंदी के ऑपरेशन में पिछली साल की तुलना में इस बार काफी कमी आई है. जिले में स्वास्थ महकमा अब लोगों को जागरूक करने की बात कह रहा है.

कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी.
कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी.
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Published : Nov 22, 2020, 2:18 PM IST

फिरोजाबाद: कोरोना महामारी के बीच जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम को भी गहरा झटका लगा है. लॉकडाउन में नसबंदी के ऑपरेशन के जो आंकड़े हैं, वह हैरान कर देने वाले रहे हैं. परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत होने वाले नसबंदी के ऑपरेशन में पिछली साल की तुलना में इस बार काफी कमी आई है. हालांकि दावा किया जा रहा है कि इस दौरान लोगों ने अस्थायी उपाय अपनाकर जनसंख्या विस्फोटक को रोका है. जिले में स्वास्थ महकमा अब लोगों को जागरूक करने की बात कह रहा है.

परिवार नियोजन अभियान के तरह कम हुए ऑपरेशन
परिवार नियोजन को बड़ा झटका

भारत वर्ष 1952 में राज्य प्रायोजित राष्ट्रीय परिवार नियोजन शुरू करने वाला पहला देश था. तभी से सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन के ऑपरेशन नियमित रूप से होते रहे हैं, लेकिन इस बार कोविड 19 महामारी के दौर में परिवार नियोजन के कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है. स्वास्थ्य विभाग के जो आंकड़े हैं, उसके मुकाबले इस साल अक्टूबर महीने के जो आंकड़े हैं, वह लक्ष्य की ओर पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं. जबकि इस साल अप्रैल-मई माह में एक भी नसबंदी नहीं हुई. इसके अलावा जून से अक्टूबर तक 496 ही ऑपरेशन हुए हैं, जबकि लक्ष्य 3493 का इस जनपद को मिला था.


इतने हुए ऑपरेशन

महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो जून से ऑपरेशन की शुरूआत हुई. जून माह में महज 3 ऑपरेशन हुए. जुलाई महीने में 11, अगस्त में 78, सितंबर में 240 और अक्टूबर में 167 ऑपरेशन हुए हैं. इस साल अप्रैल से लेकर अब तक 499 ही ऑपरेशन हुए हैं, जबकि साल 2019 में अप्रैल से अक्टूबर माह तक का आंकड़ा 625 था. पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा 126 कम है. पिछले साल जून में 60, जुलाई में 217, अगस्त में 45, सितंबर में 47 और अक्टूबर में 91 नसबंदी के ऑपरेशन हुए थे.

3493 का था लक्ष्य

वैसे पिछले साल 3493 का लक्ष्य था, उसकी सापेक्ष अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2020 तक कुल 3034 ऑपरेशन किए गए थे.सीएमओ डॉ नीता कुलश्रेष्ठ का कहना है कि कोविड की बीमारी और प्रोटोकॉल के चलते नसबंदी के कार्यक्रम पर फर्क तो पड़ा है, लेकिन महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन जैसे अस्थायी उपाय अपनाए हैं. इसकी वजह से जनसंख्या वृद्धि पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हम लोग कैंप लगाकर इस अभियान में तेजी लाएंगे.

फिरोजाबाद: कोरोना महामारी के बीच जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम को भी गहरा झटका लगा है. लॉकडाउन में नसबंदी के ऑपरेशन के जो आंकड़े हैं, वह हैरान कर देने वाले रहे हैं. परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत होने वाले नसबंदी के ऑपरेशन में पिछली साल की तुलना में इस बार काफी कमी आई है. हालांकि दावा किया जा रहा है कि इस दौरान लोगों ने अस्थायी उपाय अपनाकर जनसंख्या विस्फोटक को रोका है. जिले में स्वास्थ महकमा अब लोगों को जागरूक करने की बात कह रहा है.

परिवार नियोजन अभियान के तरह कम हुए ऑपरेशन
परिवार नियोजन को बड़ा झटका

भारत वर्ष 1952 में राज्य प्रायोजित राष्ट्रीय परिवार नियोजन शुरू करने वाला पहला देश था. तभी से सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन के ऑपरेशन नियमित रूप से होते रहे हैं, लेकिन इस बार कोविड 19 महामारी के दौर में परिवार नियोजन के कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है. स्वास्थ्य विभाग के जो आंकड़े हैं, उसके मुकाबले इस साल अक्टूबर महीने के जो आंकड़े हैं, वह लक्ष्य की ओर पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं. जबकि इस साल अप्रैल-मई माह में एक भी नसबंदी नहीं हुई. इसके अलावा जून से अक्टूबर तक 496 ही ऑपरेशन हुए हैं, जबकि लक्ष्य 3493 का इस जनपद को मिला था.


इतने हुए ऑपरेशन

महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो जून से ऑपरेशन की शुरूआत हुई. जून माह में महज 3 ऑपरेशन हुए. जुलाई महीने में 11, अगस्त में 78, सितंबर में 240 और अक्टूबर में 167 ऑपरेशन हुए हैं. इस साल अप्रैल से लेकर अब तक 499 ही ऑपरेशन हुए हैं, जबकि साल 2019 में अप्रैल से अक्टूबर माह तक का आंकड़ा 625 था. पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा 126 कम है. पिछले साल जून में 60, जुलाई में 217, अगस्त में 45, सितंबर में 47 और अक्टूबर में 91 नसबंदी के ऑपरेशन हुए थे.

3493 का था लक्ष्य

वैसे पिछले साल 3493 का लक्ष्य था, उसकी सापेक्ष अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2020 तक कुल 3034 ऑपरेशन किए गए थे.सीएमओ डॉ नीता कुलश्रेष्ठ का कहना है कि कोविड की बीमारी और प्रोटोकॉल के चलते नसबंदी के कार्यक्रम पर फर्क तो पड़ा है, लेकिन महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन जैसे अस्थायी उपाय अपनाए हैं. इसकी वजह से जनसंख्या वृद्धि पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हम लोग कैंप लगाकर इस अभियान में तेजी लाएंगे.

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