फिरोजाबाद : इंडस्ट्रीज को मिलने वाली नेचुरल गैस के दामों में लगातार हो रहे इजाफे से फिरोजाबाद के कांच कारोबारी परेशान है. बीते एक साल में गैस की कीमतों में लगभग दो गुना इजाफा हो गया है. कारोबारियों का कहना है कि वह विदेशों में भी कांच के सामान का निर्यात करते हैं. ऐसे में जब हमें बढ़ी हुई रेट पर गैस मिलेगी तो हम प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जायेंगे. फिरोजाबाद के उद्यमियों ने सरकार से भी गुहार लगाई है कि वह गैस की बढ़ी हुयी दरों को वापस लें और पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लायें.
ताज संरक्षित जोन में आने के बाद फिरोजाबाद शहर के कारखाने नेचुरल गैस से चलते हैं. इससे पहले यह इंडस्ट्री कोयले से चलती थी. लेकिन कोयले के धुएं का प्रभाव ताज महल पर पड़ने की वजह से फिरोजाबाद की इकाइयों को कोयले की आपूर्ति रोक कर इसे नेचुरल गैस दे दी गयी.
इंडस्ट्री की तो जिले में करीब चार सौ कारखाने संचालित होते हैं. जिनमें से 200 कारखानों में चूड़ियां और लगभग इतने ही कारखानों में कांच के अन्य उत्पाद तैयार होते हैं.
लाखों मजदूरों की जीविका भी इस कारोबार से जुड़ी है. फिरोजाबाद शहर हर साल ढाई हजार करोड़ रुपये का कांच का सामान विदेशों में एक्सपोर्ट करता है, जिनमें से पांच सौ करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष और दो हजार करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष एक्सपोर्ट होता है.
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सरकार ने इस कारोबार को ओडीओपी में भी रखा है. अब बात कर लेते हैं इस इंडस्ट्री को मिलने वाली गैस की. वर्तमान में यहां की इकाइयों को 28.37 रुपये प्रति घन मीटर की दर से गैस मिल रही है, जबकि साल 2020 के अक्टूबर महीने में इसी गैस की कीमत 15 रुपये 69 पैसे प्रति घन मीटर थी.
इसी साल नवम्बर महीने में जहां गैस की कीमत 25 रुपये 10 पैसे थी, तो दिसम्बर में इसकी कीमत में तीन रुपये सात पैसे का इजाफा हुआ है.
कारोबारी मुकेश कुमार बंसल टोनी और राज कुमार मित्तल का कहना है कि नेचुरल गैस के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी की वजह से हम लोगों को कारोबार करने में मुश्किलें आ रही हैं.
गैस के दाम बढ़ने से माल की कीमत बढ़ी है. लेकिन ग्राहक कीमत बढ़ाने को तैयार नहीं है. इसके अलावा भी विदेशों में हम लोग कंपटीशन नहीं कर पा रहे हैं
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