फिरोजाबाद: जनपद में 30 अगस्त को खेत पर काम कर रहे दो लोगों पर जानलेवा हमला हुआ था. दोनों लोगों को कथित तौर पर गोली मारी गयी थी. दोनों को गंभीर हालत में इलाज के लिए आगरा रेफर किया था. इस मामले पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है. पुलिस के मुताबिक गन शॉट्स की यह घटना महज ड्रामा थी. यह जाल विरोधियों को फंसाने के लिए रचा गया था. पुलिस ने हमले की झूठी कहानी रचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस पूरे केस की पटकथा जेल में बंद हत्यारोपी ने लिखी थी.
एसपी देहात कुंवर रणविजय सिंह ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 30 अगस्त को नसीरपुर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि रजौरा गांव के ही रहने वाले दो युवक रामलखन और रवि जो कि पड़ोसी है, खेतों से काम कर घर लौट रहे थे. इस दौरान कुछ हमलावरों ने इन पर फायरिंग कर दी. गोली लगने से यह दोनों घायल हो गए. इन्हें शिकोहाबाद के संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से इन्हें गंभीर हालत में फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज और फिर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था.
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रामलखन के परिजनों ने पुलिस में शिकायत कर चार लोगों के खिलाफ हमले की धराओं में केस दर्ज कराया था. परिजनों का आरोप था कि रामलखन छेड़छाड़ के एक मामले में गवाह था. फायरिंग करने वाले हमलावर गवाही न देने का दवाब डाल रहे थे. रामलखन ने जब उनकी बात मानने से इनकार कर दिया तो उन्होंने फायरिंग की जिससे यह लोग घायल हुए है. इधर आगरा में जब गोली लगने वाले स्थान का एक्सरे कराया गया तो गोली नहीं निकली. यह दोनों घायल डर की वजह से अस्पताल से फरार हो गए. रामलखन और रवि के गायब होते ही दोनों संदेह के घेरे में आ गए. पुलिस ने जब इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामला काफी चौंकाने वाला निकला.
एसपी देहात ने बताया कि रामलखन के परिजनों ने इस मामले में जिन लोगों को नामजद किया था. उनकी दुश्मनी रामलखन के बुआ के बेटे योगेंद्र से चल रही है और योगेंद्र फिलहाल जेल में बंद है. लिहाजा योगेंद्र के कहने पर इन दोनों ने प्लास से खाल खींचकर पिस्टल से फर्जी तरीके से चोट बनायी थी. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों से प्लास और पिस्टल भी बरामद कर ली है.
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