फिरोजाबाद: जिले की विशेष पॉस्को अदालत में दुष्कर्म के आरोपी पीड़िता के सगे चाचा को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर उसे 1 साल के कठोर कारावास की सजा और भुगतनी पड़ेगी. अदालत ने इसे खून के रिश्ते को कलंकित करने वाली घटना बताया है. इस घटना में आरोपी ने अपनी सगी नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला थाना टूण्डला से जुडा है. 4 जुलाई 2018 की रात्रि एक 14 वर्षीय नाबालिग अपने घर पर अकेली थी. उसके भाई के सड़क हादसे में घायल होने के कारण उसका आगरा में उपचार हो रहा था. नाबालिग की मां भी आगरा में थी. रात्रि में नाबालिग का चाचा घर आया और उसने अपनी भतीजी नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म किया. दूसरे दिन मां के घर आने पर पीड़िता ने घटना से अवगत कराया. पीडिता की मां ने थाने में आरोपी चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने विवेचना उपरांत आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विजय कुमार आजाद की अदालत में चला.
अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अजमोद सिंह चौहान और पीड़िता के अधिवक्ता मौहम्मद शाहिद ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. गवाहों की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दुष्कर्म का दोषी माना. न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि दोषी ने रक्त सम्बंधी रिस्ते को कलंकित किया है. न्यायालय ने उसे अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय ने उस पर 16 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड न देने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
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