फिरोजाबादः मानवाधिकार कोर्ट ने राजकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और डीएम को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने जबाब के लिए 22 नबम्बर का दिन तय किया है. झगड़े में घायल एक युवक की याचिका पर अदालत ने यह आदेश दिया है. पीड़ित ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज नहीं मिला और उसे प्रताड़ित भी किया गया. बाद में उसे मेडिकल कॉलेज से आगरा के लिए रेफर कर दिया था. पीड़ित ने इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए कोर्ट से कार्रवाई की गुहार लगाई थी. इस पर अदालत ने तीन अफसरों को तलब किया है.
टीटू पुत्र आशाराम निवासी नगला गंगे ने मानवाधिकार कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक 18 अक्टूबर को टीटू एक झगड़े के दौरान घायल हो गया था. थाने से उसे मेडिकल कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ केंद्र जसराना भेजा गया, लेकिन उसे सीएचसी पर कोई भी डॉक्टर नहीं मिला. जो कर्मचारी मिला उसने यह कहकर उसे टरका दिया कि वह जिला अस्पताल में अपना मेडिकल कराए.
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बाद में टीटू को जिला अस्पताल में यह कहकर मना कर दिया कि मजरुवी चिट्ठी जसराना के नाम है, लिहाजा इसका डॉक्टरी परीक्षण भी जसराना में ही होगा. किसी तरह घायल ने डॉक्टरी परीक्षण और अपना सीटी स्कैन करा भी लिया तो उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज नहीं मिला. बल्कि उसे तमाम तकनीकी कमियां बताकर उसका एक्सरे तक नहीं किया और यह कहकर आगरा रेफर कर दिया कि मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन का इंतजाम नहीं है.
इलाज न मिलने पर पीड़ित टीटू की मां श्रीमती सरोज ने अधिवक्ता धर्म सिंह यादव की मदद से मानवाधिकार कोर्ट की शरण ली. जिस पर अदालत ने राजकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा, सीएमओ और डीएम को 22 नवंबर को जबाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.