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फिरोजाबाद का नाम बदलने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस बोली एजेंडे से विकास गायब - firozabad as chandranagar

देश भर में चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद जिले का नाम बदलने की तैयारी की जा रही है. इस जिले का नाम फिरोजाबाद से बदलकर चंद्र नगर रखने की तैयारी है. इसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है.

फिरोजाबाद का नाम बदलने पर गरमाई सियासत
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Published : Aug 2, 2021, 4:51 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद का नाम बदले जाने की तैयारी पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा की सरकार केवल नाम बदलने की सियासत कर रही है. उसके एजेंडे से विकास गायब है.

जानकारी देते कांग्रेस प्रवक्ता
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ और सिर्फ नाम बदलने की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग ध्वस्त हो गया है. फिरोजाबाद का 1700 करोड़ का व्यापार आज बंदी की कगार पर है. 50 फ़ीसदी से ज्यादा का चूड़ी उद्योग प्रभावित हो चुका है. कांच उद्योग के लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी वित्तीय मदद करे. वहां के व्यापारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार नजरअंदाज कर रही है. अंशू अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी भी यह बात लगातार कह रहे हैं कि पीड़ित लोगों को इस समय तत्काल रुप से अगले छह महीने तक छह हजार रुपये प्रतिमाह देने की जरूरत है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ नाम बदलने की राजनीति कर रही है. कांग्रेस का सवाल है कि क्या प्रदेश की 23 करोड़ जनता ने केवल नाम बदलने के लिए ही भाजपा की सरकार को चुना था ? यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विदाई का समय आ चुका है. इसलिए जनता के कामों पर ध्यान दीजिए. नाम बदलने की राजनीति से उत्तर प्रदेश का भला होने वाला नहीं है.

दरअसल 31 जुलाई को फिरोजाबाद जिला पंचायत बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में वैसे तो विकास और जनहित के तमाम प्रस्ताबों पर मोहर लगी थी, लेकिन एक प्रस्ताव और पारित हुआ था जो चर्चा का विषय बना हुआ है. बैठक में फिरोजाबाद सदर के ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी नारायण यादव ने जिले का नाम चंद्र नगर रखने का प्रस्ताव रखा, जिसे बोर्ड ने सर्वसम्मति से पारित कर शासन को भेज दिया है. ईटीवी भारत की टीम ने जिला पंचायत की बैठक में जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव रखने वाले ब्लॉक प्रमुख से बातचीत की. उनका कहना था कि फिरोजाबाद नाम तो बाद में पड़ा था, पहले इसका नाम चंद्रवार था, जिसके साक्ष्य अभी भी मौजूद है.

उन्होंने बताया कि लोगों की भावनाओं के अनुरूप ही नाम बदलने के प्रस्ताव को लाया गया है, क्योंकि इसे पहले बदला गया था. जिला पंचायत के प्रस्ताव पर फिरोजाबाद के सांसद चंद्र सेन जादौन ने भी मोहर लगा दी है. उन्होंने कहा है कि फिरोजाबाद का नाम पहले भी चंद्रवार था, जिसे बदला गया था. इसलिए इसका नाम चंद्र नगर रखने को समर्थन दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: सुहाग नगरी का नाम बदलने की तैयारी: फिरोजाबाद को चंद्र नगर बनाने के प्रस्ताव को सांसद का भी समर्थन

फिरोजाबाद के इतिहास की बात करें तो इसका पुराना नाम चंद्रवार ही था. यहां के राजा चंद्रसेन थे जो हिन्दू धर्म के अनुयायी थे. उन्हीं के नाम पर इसका नाम चंद्रवार पड़ा था. यहां अभी भी अवशेष मौजूद है. खंडहरनुमा एक इमारत आज भी यमुना नदी के किनारे बीहड़ में स्थित है. यहां विशालकाय जैन मंदिर भी स्थित है. राजा चंद्र सेन चौहान वंशीय थे, जिनका 1194 में मोहम्मद गोरी के बीच युद्ध हुआ था, जिसने चंद्रसेन की हार हुई थी. चंद्रवार का वर्तमान नाम फिरोजाबाद 1566 में पड़ा. कहा जाता है राजा टोडरमल जब गया की तीर्थ यात्रा से लौट रहे थे, तब उन्हें कुछ लुटेरों ने लूट लिया था. तब उनके अनुरोध पर बादशाह अकबर ने अपने मनसबदार फिरोजशाह को यहां भेजा था, तब चंद्रवार का नाम बदलकर फिरोजाबाद हुआ था.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद का नाम बदले जाने की तैयारी पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा की सरकार केवल नाम बदलने की सियासत कर रही है. उसके एजेंडे से विकास गायब है.

जानकारी देते कांग्रेस प्रवक्ता
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ और सिर्फ नाम बदलने की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग ध्वस्त हो गया है. फिरोजाबाद का 1700 करोड़ का व्यापार आज बंदी की कगार पर है. 50 फ़ीसदी से ज्यादा का चूड़ी उद्योग प्रभावित हो चुका है. कांच उद्योग के लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी वित्तीय मदद करे. वहां के व्यापारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार नजरअंदाज कर रही है. अंशू अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी भी यह बात लगातार कह रहे हैं कि पीड़ित लोगों को इस समय तत्काल रुप से अगले छह महीने तक छह हजार रुपये प्रतिमाह देने की जरूरत है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ नाम बदलने की राजनीति कर रही है. कांग्रेस का सवाल है कि क्या प्रदेश की 23 करोड़ जनता ने केवल नाम बदलने के लिए ही भाजपा की सरकार को चुना था ? यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विदाई का समय आ चुका है. इसलिए जनता के कामों पर ध्यान दीजिए. नाम बदलने की राजनीति से उत्तर प्रदेश का भला होने वाला नहीं है.

दरअसल 31 जुलाई को फिरोजाबाद जिला पंचायत बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में वैसे तो विकास और जनहित के तमाम प्रस्ताबों पर मोहर लगी थी, लेकिन एक प्रस्ताव और पारित हुआ था जो चर्चा का विषय बना हुआ है. बैठक में फिरोजाबाद सदर के ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी नारायण यादव ने जिले का नाम चंद्र नगर रखने का प्रस्ताव रखा, जिसे बोर्ड ने सर्वसम्मति से पारित कर शासन को भेज दिया है. ईटीवी भारत की टीम ने जिला पंचायत की बैठक में जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव रखने वाले ब्लॉक प्रमुख से बातचीत की. उनका कहना था कि फिरोजाबाद नाम तो बाद में पड़ा था, पहले इसका नाम चंद्रवार था, जिसके साक्ष्य अभी भी मौजूद है.

उन्होंने बताया कि लोगों की भावनाओं के अनुरूप ही नाम बदलने के प्रस्ताव को लाया गया है, क्योंकि इसे पहले बदला गया था. जिला पंचायत के प्रस्ताव पर फिरोजाबाद के सांसद चंद्र सेन जादौन ने भी मोहर लगा दी है. उन्होंने कहा है कि फिरोजाबाद का नाम पहले भी चंद्रवार था, जिसे बदला गया था. इसलिए इसका नाम चंद्र नगर रखने को समर्थन दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: सुहाग नगरी का नाम बदलने की तैयारी: फिरोजाबाद को चंद्र नगर बनाने के प्रस्ताव को सांसद का भी समर्थन

फिरोजाबाद के इतिहास की बात करें तो इसका पुराना नाम चंद्रवार ही था. यहां के राजा चंद्रसेन थे जो हिन्दू धर्म के अनुयायी थे. उन्हीं के नाम पर इसका नाम चंद्रवार पड़ा था. यहां अभी भी अवशेष मौजूद है. खंडहरनुमा एक इमारत आज भी यमुना नदी के किनारे बीहड़ में स्थित है. यहां विशालकाय जैन मंदिर भी स्थित है. राजा चंद्र सेन चौहान वंशीय थे, जिनका 1194 में मोहम्मद गोरी के बीच युद्ध हुआ था, जिसने चंद्रसेन की हार हुई थी. चंद्रवार का वर्तमान नाम फिरोजाबाद 1566 में पड़ा. कहा जाता है राजा टोडरमल जब गया की तीर्थ यात्रा से लौट रहे थे, तब उन्हें कुछ लुटेरों ने लूट लिया था. तब उनके अनुरोध पर बादशाह अकबर ने अपने मनसबदार फिरोजशाह को यहां भेजा था, तब चंद्रवार का नाम बदलकर फिरोजाबाद हुआ था.

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