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एप्पल बेर की खेती ने बदल दी किसानों की किस्मत, 1 एकड़ में कमा रहे 5 लाख - एप्पल बेर फिरोजाबाद

यूं तो फिरोजाबाद आलू और गेहूं की खेती के लिए मशहूर है, लेकिन आजकल एप्पल बेर की खेती यहां के किसानों की पहली पसंद बन गया है. पारंपरिक खेती में ज्यादा मेहनत और कम मुनाफे से परेशान किसान एप्पल बेर की खेती करके खुश हैं. किसान एप्पल बेर की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

एप्पल बेर की खेती
एप्पल बेर की खेती
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Published : Jan 2, 2021, 4:10 PM IST

फिरोजाबाद: फिरोजाबाद जनपद वैसे तो आलू और गेहूं की खेती के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कई सालों से यह फसलें किसानों के लिए फायदे की बजाए घाटे का सौदा बन गई हैं. इन फसलों में होने वाले घाटे की वजह से किसानों का रुझान अब दूसरी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहा है. इसी क्रम में फिरोजाबाद के किसान अब एप्पल बेर की खेती में रुचि दिखा रहे हैं. करीब तीन साल पहले महज पांच किसानों ने इस खेती की शुरुआत की थी, लेकिन आज ऐसे किसानों की लंबी लिस्ट बन गई है.

फिरोजाबाद के 50 एकड़ जमीन पर हो रही है एप्पल बेर की खेती.
लाखों का होता है फायदा

टूण्डला इलाके के गांव चंडिका निवासी सौदान सिंह पेशे से किसान हैं. सौदान सिंह पहले गेहूं और आलू की खेती करते थे, लेकिन उन्होंने देखा कि इन फसलों में मुनाफा न के बराबर हो रहा है. पूरी मेहनत और लागत के बाद भी मजदूरी तक नहीं निकल पाती थी. करीब तीन साल पहले उद्यान विभाग के अफसरों ने सौदान को एप्पल बेर के बारे में जानकारी दी. सौदान ने बेर का बाग अपने ही घर के सामने लगाया. तब से सौदान को खेती में बहुत फायदा होने लगा. उन्होंने बताया कि एप्पल बेर की फसल में केवल पानी लगाना होता है और पेड़ों के पोषण के लिए वह केंचुए की खाद का इस्तेमाल करते हैं. सौदान सिंह न केवल एक लाख रुपया प्रति बीघा का मुनाफा कमाते हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी इसकी बागवानी करने की सलाह देते हैं.

5 किसानों ने की थी ऐप्पल बेर की खेती की शुरुआत

किसानों की आय बढ़वाने के लिए फिरोजाबाद का उद्यान विभाग भी आगे आया है. जिला उद्यान अधिकारी विनय कुमार यादव किसानों को ऐप्पल बेर की खेती करने की सलाह देते हैं. जिला उद्यान अधिकारी बताते हैं कि इस बागवानी को प्रोत्साहित करने के मकसद से सरकार मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के तहत ढाई लाख रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान भी दे रही है. इस बागवानी में बढ़ते मुनाफे का ही नतीजा है कि तीन साल पहले जहां केवल पांच किसानों ने ही ऐप्पल बेर के बाग लगाए थे, लेकिन अब ऐसे किसानों की संख्या बढ़कर 50 से 60 हो गयी है. उद्यान अधिकारी मानते हैं कि इस बागवानी के जरिये किसान चार से पांच लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की आमदनी कर सकता है.

फिरोजाबाद: फिरोजाबाद जनपद वैसे तो आलू और गेहूं की खेती के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कई सालों से यह फसलें किसानों के लिए फायदे की बजाए घाटे का सौदा बन गई हैं. इन फसलों में होने वाले घाटे की वजह से किसानों का रुझान अब दूसरी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहा है. इसी क्रम में फिरोजाबाद के किसान अब एप्पल बेर की खेती में रुचि दिखा रहे हैं. करीब तीन साल पहले महज पांच किसानों ने इस खेती की शुरुआत की थी, लेकिन आज ऐसे किसानों की लंबी लिस्ट बन गई है.

फिरोजाबाद के 50 एकड़ जमीन पर हो रही है एप्पल बेर की खेती.
लाखों का होता है फायदा

टूण्डला इलाके के गांव चंडिका निवासी सौदान सिंह पेशे से किसान हैं. सौदान सिंह पहले गेहूं और आलू की खेती करते थे, लेकिन उन्होंने देखा कि इन फसलों में मुनाफा न के बराबर हो रहा है. पूरी मेहनत और लागत के बाद भी मजदूरी तक नहीं निकल पाती थी. करीब तीन साल पहले उद्यान विभाग के अफसरों ने सौदान को एप्पल बेर के बारे में जानकारी दी. सौदान ने बेर का बाग अपने ही घर के सामने लगाया. तब से सौदान को खेती में बहुत फायदा होने लगा. उन्होंने बताया कि एप्पल बेर की फसल में केवल पानी लगाना होता है और पेड़ों के पोषण के लिए वह केंचुए की खाद का इस्तेमाल करते हैं. सौदान सिंह न केवल एक लाख रुपया प्रति बीघा का मुनाफा कमाते हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी इसकी बागवानी करने की सलाह देते हैं.

5 किसानों ने की थी ऐप्पल बेर की खेती की शुरुआत

किसानों की आय बढ़वाने के लिए फिरोजाबाद का उद्यान विभाग भी आगे आया है. जिला उद्यान अधिकारी विनय कुमार यादव किसानों को ऐप्पल बेर की खेती करने की सलाह देते हैं. जिला उद्यान अधिकारी बताते हैं कि इस बागवानी को प्रोत्साहित करने के मकसद से सरकार मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के तहत ढाई लाख रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान भी दे रही है. इस बागवानी में बढ़ते मुनाफे का ही नतीजा है कि तीन साल पहले जहां केवल पांच किसानों ने ही ऐप्पल बेर के बाग लगाए थे, लेकिन अब ऐसे किसानों की संख्या बढ़कर 50 से 60 हो गयी है. उद्यान अधिकारी मानते हैं कि इस बागवानी के जरिये किसान चार से पांच लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की आमदनी कर सकता है.

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