फिरोजाबाद: दिन रात की कड़ी मेहनत करने वाला अन्नदाता मुश्किल में है. किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा. हालांकि, सरकार किसानों की आय दोगुना (farmers income doubled) करने का ख्वाब दिखाती है, लेकिन वो दावा जमीन से कोसो दूर है. ऐसे में अन्नदाता खासा परेशान हैं. एक ऐसा ही व्यथित करने वाला मामला टूंडला सब्जी मंडी के बाहर देखने को मिला, जहां सब्जियों का उचित मूल्य नहीं मिलने से नाराज किसानों ने अपनी सब्जियों को सड़क पर फेंक दिया. किसानों का आरोप है कि आढ़ती उनकी सब्जी कम दाम में खरीदकर ग्राहकों को ऊंचे भाव में बेच रहे हैं.
बताते चलें कि टूण्डला-एटा रोड पर सब्जी मंडी स्थित है. इस मंडी समिति में टूंडला शहर के आसपास स्थित कई गांवों के किसान सब्जियां लेकर आते हैं. इस इलाके में बड़े पैमाने पर सब्जियों की पैदावार होती है, जिसमें लौकी, तोरई, भिंडी आदि सब्जियों की फसल शामिल हैं. इधर, किसानों का आरोप है आढ़तिए उनकी फसलों का वाजिब मूल्य नहीं दे रहे हैं. उनकी फसल को औने-पौने दाम में खरीद कर ग्राहकों को ज्यादा भाव में बेचते हैं. मसलन, 2 दो रुपये प्रति किलो से सब्जियां खरीद कर बाजार में 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है. किसानों के हिसाब से ये नाइंसाफी है. मंडी समिति के अफसरों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
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फसल का भाव न मिलने से किसान इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने शनिवार को अपनी सब्जियों को सड़क पर फेंक दिया. भरे मन से किसानों का कहना था कि दो रुपये किलो सब्जी बेचने से बेहतर है कि लोग इसे फ्री में उठा ले जाएं. मंडी समिति के सचिव कमलेश कुमार की दलील है कि सब्जियों का दाम आवक पर निर्भर करता है. कभी-कभी जब सब्जी की आवक ज्यादा हो जाती है तो उसका रेट गिरना स्वभाविक है. वैसे बाकायदा बोली लगाकर ही सब्जियों की बिक्री कराई जाती है. उन्होंने कहा कि टूंडला की मंडी छोटी है. उस लिहाज से सब्जियों की आवक ज्यादा है. इसलिए किसानों को इसका भाव नहीं मिल पा रहा है. किसान किसी बड़ी मंडी में ले जाकर इसका उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं. दूसरी मंडी में सब्जी ले जाने पर कोई रोक नहीं है.