फिरोजाबाद : देश भर में प्रदूषण की समस्या को लेकर सरकार और एनजीटी काफी चिंतित हैं. सुहाग नगरी फिरोजाबाद की भी हवा में भी जहर घुल रहा है. ऐसे में अलीगढ़ से आये वैज्ञानिकों का एक दल इस बात का पता लगाने की कोशिश में है कि, यहां की वायु किस वजह से प्रदूषित हो रही है. वैज्ञानिकों ने वायु के खराब होने के कारण पता लगाने के लिए एक नमूना भी लिया है. जिसमें यह देखा जाएगा कि वायुमंडल में कौन कौन सी गैस घुल मिल गयी हैं, जो जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी हैं.
सुहाग नगरी है फिरोजाबाद
फिरोजाबाद को यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुहाग नगरी के नाम से जाना जाता है. इसकी वजह यह है कि यहां रंग बिरंगी चूड़ियों और ग्लास के कलात्मक आइटम्स का निर्माण होता है. करीब 400 कारखानों में यहां इन चीजों का निर्माण होता है. साल 1996 में फिरोजाबाद को ताज संरक्षित इलाके में शामिल किया गया. ताज संरक्षित इलाके में शामिल होने के बाद इस शहर में कोयले से चलने वाले कारखाने बंद करा दिए गए और उन्हें गैस दे दी गयी.
मशीनों से देखी जाएगी हवा की गुणवत्ता
पूरे देश में प्रदूषण की समस्या को खत्म करने पर मंथन हो रहा है तो, यह सुहाग नगरी भी एनजीटी की रडार पर है. यहां पर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वायुमंडल में कौन सी गैस जहर घोल रही है. अलीगढ़ से आए विशेषज्ञ मशीनों के जरिए पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा का पता लगा रहे हैं.
पहले भी हो चुकी है जांच
फिरोजाबाद का पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड पहले भी यहां धूल के कणों की जांच करा चुका है. जिले में 10 सड़कों पर धूल के कणों की जांच का काम हुआ था. जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई थी कि, धूल के उन कणों की मात्रा कहां ज्यादा है, जो हवा में घुलकर प्रदूषण का कारण बन रहे हैं. जांच में ऐसे तीन स्थान निकलकर सामने आए थे, जिनमें पानी का छिड़काव करवाने की बात कही जा रही थी.