फिरोजाबाद: शहर की श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के दफ्तर को प्रशासन ने सील कर दिया है. समिति के क्रियाकलापों के संचालन के लिए प्रशासन एक रिसीवर की नियुक्ति कर सकता है. पिछले दिनों तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ने अपनी एक रिपोर्ट रजिस्ट्रार चिट फंड सोसाइटी को भेजी थी. जिसके बाद समिति के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया.
फिरोजाबाद शहर स्थित श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति की दो कमेटियों के बीच पिछले एक दशक से विवाद चल रहा है. फिलहाल सपा एमएलसी डॉ. दिलीप यादव की अध्यक्षता वाली कमेटी रामलीला की जिम्मेदारी सम्भाल रही थी. लेकिन पिछले दिनों इस कमेटी पर कई आरोप लगे. आरोप था कि इस कमेटी ने मनमाने ढंग से अपने ही पक्ष के लोगों को सदस्य बनाया है. इसके अलावा योगिराज श्री कृष्ण के नाम से भी ट्रस्ट बनाया गया है. साथ ही कुछ दुकानें अपने चहेतों को देकर उन्हें नाजायज ढंग से लाभ पहुंचाया जा रहा है.
यह भी आरोप है कि जिस जमीन पर रामलीला का आयोजन होता है, उस जमीन की देखरेख का जिम्मा हनुमान ट्रस्ट के पास है. बावजूद इसके रामलीला महोत्सव समिति ने खुद किराया वसूलना शुरू किया और नगर निगम के अभिलेखों में अपना नाम दर्ज कराया.
इस रामलीला कमेटी पर लगे आरोपों की जांच तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ने की थी. मजिस्ट्रेट ने रजिस्ट्रार चिट फंड सोसाइटी आगरा को अपनी रिपोर्ट भेजी थी. उसी रिपोर्ट के आधार पर निबंधक ने समिति के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया. जिसके बाद में नगर मजिस्ट्रेट ने गुरुवार को रामलीला कमेटी के दफ्तर को सील कर कमेटी के पदाधिकारियों के किराया वसूलने के साथ अन्य अधिकारों पर भी रोक लगा दी.