फिरोजाबाद: मेडिकल कालेज में एचआईवी पीड़ित प्रसूता के इलाज में हुयी लापरवाही पर एक्शन शुरू हो गया है. कालेज की प्राचार्या ने जांच में लापरवाही मिलने पर स्टाफ नर्स को हटा दिया है. सीनियर और जूनियर रेसिडेंट के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है.
मेडिकल कालेज में 21 नंबम्बर को प्रसव पीड़ा से परेशान एक महिला डिलीवरी के लिए आई थी. अस्पताल स्टाफ ने जब उसका रूटीन चेकअप कराया, तो प्रसूता महिला एचआईवी पीड़ित निकली. महिला के परिजनों का आरोप था कि रिपोर्ट आने के बाद स्टाफ ने इलाज करने में लापरवाही बरतनी शुरू कर दी. लगभग छह घंटे तक उसका कोई इलाज नहीं हुआ और उसकी डिलीवरी (HIV infected pregnant in Firozabad) की भी कोई व्यवस्था नही की गयी.
फिरोजाबाद मेडिकल कालेज में लापरवाही बाद में परिजनों के हंगामे के बाद अस्पताल के स्टाफ ने महिला की डिलीवरी तो करायी, लेकिन नवजात की जान नहीं बच सकी. इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद मेडिकल कालेज की प्राचार्या ने अस्पताल का दौरा किया था. उन्होंने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी बनायी थी. इसमें जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के हैड को शामिल किया गया थी. इस जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद एक्शन शुरू हो गया है.
प्राचार्या संगीता अनेजा ने बताया कि जांच में लापरवाही (negligence in treatment of HIV infected pregnant) मिलने पर स्टाफ नर्स रीना परवीन को ड्यूटी से हटा दिया गया है. सीनियर रेजिडेंट डॉ विकांक्षा और जूनियर रेजिडेंट डॉ देवांशी अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है.
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