फतेहपुर: खागा कस्बे के बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड पर 23 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. अपर जिला जज अभय कुमार ने जहां एक तरफ एक पक्ष के 15 आरोपियों को आजीवन कारावास और 15-15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं दूसरे पक्ष कातिलाना हमले के आरोपी वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के पति अभय प्रताप सिंह सहित सभी पांच आरोपियों को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. फैसला आने के बाद जहां वादियों के चेहरे पर संतोष दिखा. वहीं आरोपियों के यहां सन्नाटा पसर गया.
दो दबंग परिवारों के बीच चली थी गोलियां
मामला साल 1996 का है. जब 6 अगस्त को खागा कस्बे के बस स्टॉप पर दो दबंग परिवारों ब्रह्मदेव पांडेय और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह के बीच ताबड़तोड़ गोलियां चलीं थीं. जिसमें ब्रह्मदेव का आरोप था कि बस स्टॉप पर गुंडा टैक्स देने का विरोध करने पर अभय प्रताप, उनके भाई, समर्थक पूर्व प्रधान मन्ना सिंह सहित पांच लोगों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं. वहीं दूसरे पक्ष से मन्ना सिंह का आरोप था कि उनके पक्ष के राम निरंजन बस स्टॉप पर मेडिकल स्टोर पर दवाइयां ले रहा था. तभी पांडेय परिवार की तरफ से गोलियां चलाई जाने लगीं.
मुकदमे में दो मुल्जिमों की हो चुकी है मौत
इस गोलीकांड में अभय प्रताप पक्ष के तीन व्यक्तियों सुनील सिंह-निवासी कुंभीपुर, रामनिरंजन-निवासी पुरइन, राकेश-निवासी सरसई को गोली लग गई थी, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना में मन्ना सिंह की तहरीर पर पुलिस ने कुल 17 लोगों को हत्या और बलवे का आरोपी बनाया था. लंबे समय से चल रहे इस मुकदमे में दो मुल्जिमों की मौत भी हो चुकी है.
सुनवाई में अब तक 15 से अधिक जज बदल चुके
इस हाई प्रोफाइल केस में सुनवाई के दौरान 15 से अधिक जज बदल चुके हैं, जबकि 800 से अधिक तारीखें पड़ चुकी हैं. इसमें एक पक्ष तब से लेकर वर्तमान समय में राजनीति में अपनी अच्छी पैठ बनाए हुए है. वहीं दूसरा पक्ष शहर का प्रसिद्ध व्यवसायी है और कांग्रेस की राजनीति में गहरी पैठ रखता है. इस तिहरे हत्याकांड में शहर के हाई प्रोफाइल लोगों के नाम जुड़े होने से पूरे जनपद की निगाहें टिकी हुई थीं. जिस पर फैसला सुनाते हुए जज ने 15 आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 15-15 हजार रुपये का अर्थ दंड सुनाया.