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धर्मांतरण मामला: शिक्षकों को धर्म परिवर्तन का लालच देता था मौलाना उमर गौतम

यूपी के फतेहपुर में गरीबों और दिव्यांग बच्चों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने के मामले को लेकर सुर्खियों में आए मौलाना उमर गौतम के मामले में नया खुलासा हुआ है. एक इंग्लिश मीडियम स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि मौलाना शिक्षकों को धर्म परिवर्तन करने का लालच देकर उनपर दबाव बनाता था.

स्कूल की शिक्षिका ने किया खुलासा.
स्कूल की शिक्षिका ने किया खुलासा.
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Published : Jun 24, 2021, 8:09 PM IST

फतेहपुर: धर्मांतरण मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मौलाना उमर गौतम के मामले में फतेहपुर जनपद में एक नया सनसनीखेज खुलासा हुआ है. यह खुलासा किया है यहां के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षिका रह चुकी महिला ने. महिला का कहना है कि नुरूलहुदा नामक इंग्लिश स्कूल में मौलाना उमर गौतम के साथ कई मौलानाओं का आना-जाना लगा रहता था. महिला ने बताया कि 2020 में मौलाना 20-25 मौलानाओं के साथ स्कूल में आया था. उसने महिला शिक्षकों को धर्म परिवर्तन करने का लालच देकर उनपर दबाव बनाया था.

शहर के लखनऊ बाईपास इलाके में स्थित नुरूलहुदा नामक स्कूल को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने वाले इस विद्यालय में शिक्षिका रह चुकीं कल्पना सिंह नामक शिक्षिका ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि फरवरी 2020 में मौलाना उमर गौतम कई मौलानाओं के साथ विद्यालय आया था. उसने स्कूल के सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं के साथ बैठक कराई, जिसमें मौलाना उमर गौतम और उनके साथ आए मौलानाओं ने अध्यापकों के सामने इस्लाम धर्म को हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ बताते हुए धर्म परिवर्तन कराने की बात कही. अध्यापिका कल्पना सिंह ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने के बदले लोगों की हर प्रकार से मदद करने का आश्वासन दिया जाता था. उनका यह भी कहना था कि विद्यालय का मुस्लिम प्रबंधक होने के नाते यहां सभी बच्चों को उर्दू और अरबी भाषाओं में पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता था. इतना ही नहीं सभी बच्चों को नमस्ते और गुडमार्निंग कहने पर रोक लगाई गई थी और उन्हें सलाम करने का आदेश दिया गया था.

स्कूल की शिक्षिका ने किया खुलासा.

नुरूलहुदा इंग्लिश स्कूल में अध्यापिका रह चुकी कल्पना सिंह ने बताया कि उसने विद्यालय प्रबन्धक की शय पर स्कूल में चलने वाली इस्लामिक गतिविधियों का विरोध किया तब उसका साल भर का वेतन रोक दिया गया. साथ ही उसे अपमानित करने के साथ ही विद्यालय से निकाल दिया गया. जिसके बाद उसकी तहरीर पर नुरूलहुदा के प्रबंधक मौलाना शरीफ और उसके बेटे उमर शरीफ के ऊपर IPC की धारा 406, 504, और 506 के तहत सदर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि जनपद में जिन जगहों पर उमर गौतम का आना जाना था उसकी जांच कराई जा रही है. नुरूलहुदा इंग्लिश स्कूल भी उसमें शामिल है. जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि धर्मांतरण मामले में आरोपी उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप गौतम फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गांव का रहने वाला है. वह 1979 में जिला छोड़कर नैनीताल के पंतनगर चला गया था, जिसके बाद वह वहीं से दिल्ली चला गया था. उसने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और हजारों लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाता रहा.

फतेहपुर: धर्मांतरण मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मौलाना उमर गौतम के मामले में फतेहपुर जनपद में एक नया सनसनीखेज खुलासा हुआ है. यह खुलासा किया है यहां के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षिका रह चुकी महिला ने. महिला का कहना है कि नुरूलहुदा नामक इंग्लिश स्कूल में मौलाना उमर गौतम के साथ कई मौलानाओं का आना-जाना लगा रहता था. महिला ने बताया कि 2020 में मौलाना 20-25 मौलानाओं के साथ स्कूल में आया था. उसने महिला शिक्षकों को धर्म परिवर्तन करने का लालच देकर उनपर दबाव बनाया था.

शहर के लखनऊ बाईपास इलाके में स्थित नुरूलहुदा नामक स्कूल को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने वाले इस विद्यालय में शिक्षिका रह चुकीं कल्पना सिंह नामक शिक्षिका ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि फरवरी 2020 में मौलाना उमर गौतम कई मौलानाओं के साथ विद्यालय आया था. उसने स्कूल के सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं के साथ बैठक कराई, जिसमें मौलाना उमर गौतम और उनके साथ आए मौलानाओं ने अध्यापकों के सामने इस्लाम धर्म को हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ बताते हुए धर्म परिवर्तन कराने की बात कही. अध्यापिका कल्पना सिंह ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने के बदले लोगों की हर प्रकार से मदद करने का आश्वासन दिया जाता था. उनका यह भी कहना था कि विद्यालय का मुस्लिम प्रबंधक होने के नाते यहां सभी बच्चों को उर्दू और अरबी भाषाओं में पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता था. इतना ही नहीं सभी बच्चों को नमस्ते और गुडमार्निंग कहने पर रोक लगाई गई थी और उन्हें सलाम करने का आदेश दिया गया था.

स्कूल की शिक्षिका ने किया खुलासा.

नुरूलहुदा इंग्लिश स्कूल में अध्यापिका रह चुकी कल्पना सिंह ने बताया कि उसने विद्यालय प्रबन्धक की शय पर स्कूल में चलने वाली इस्लामिक गतिविधियों का विरोध किया तब उसका साल भर का वेतन रोक दिया गया. साथ ही उसे अपमानित करने के साथ ही विद्यालय से निकाल दिया गया. जिसके बाद उसकी तहरीर पर नुरूलहुदा के प्रबंधक मौलाना शरीफ और उसके बेटे उमर शरीफ के ऊपर IPC की धारा 406, 504, और 506 के तहत सदर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि जनपद में जिन जगहों पर उमर गौतम का आना जाना था उसकी जांच कराई जा रही है. नुरूलहुदा इंग्लिश स्कूल भी उसमें शामिल है. जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि धर्मांतरण मामले में आरोपी उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप गौतम फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गांव का रहने वाला है. वह 1979 में जिला छोड़कर नैनीताल के पंतनगर चला गया था, जिसके बाद वह वहीं से दिल्ली चला गया था. उसने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और हजारों लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाता रहा.

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