फतेहपुर: जनपद की जर्जर सड़कों पर लोगों का निकलना दूभर हो गया है. शहर के पॉश इलाकों की जर्जर सड़कें नित दुर्घटनाओं को न्योता देती नजर आ रही हैं. इसके बावजूद जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नही रेंगती.
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के आवास, जिलाधिकारी आवास से होते हुए स्टेशन को जाने वाली वीआईपी रोड की स्थिति बेहद ही जर्जर है. यहां आए दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते हैं. यहां तक कि सवारी रिक्शा तक पलट जाते हैं.
शादीपुर से गैस गोदाम रोड
नउवाबग से जेल होते हुए राधानगर से बांदा जनपद को जाने वाली बांदा सागर रोड की स्थिति भी बेहद खराब है. जल निकासी की व्यवस्था न हो पाने के कारण थोड़ी से बारिश में यहां जल भराव हो जाता है, जिससे सड़कें बहुत कम समय में ही टूट जाती हैं. इनमें बांदा सागर रोड PWD से तो अन्य सड़कें नगर पालिका के अंतर्गत आती हैं.
नगर पालिका द्वारा शहर की कई सड़कों पर निर्माण कार्य शुरू तो कराया गया,लेकिन कोरोना पर कार्य बंद हुआ तो फिर पुनः शुरू होने का नाम नहीं ले रहा है. वर्तमान में नगर पालिका भी धन आभाव के चलते अपने हाथ खड़े किए नजर आ रही है.
नगर पालिका चेयरमैन की तरफ से जिले के विधायक एवं मंत्री पर विकास कार्यों में सहयोग न करने का आरोप भी लगाया गया. सवाल यह है कि इन आरोप प्रत्यारोपों के बीच आखिर मुसीबतों का सामना तो आमजन को ही उठाना पड़ रहा है. शहर के पॉश क्षेत्र ताम्बेश्वर चौराहे के समीप निवासी विकास गुप्ता बताते हैं कि रोड में जलभराव की समस्या की कारण घर के बाहर बैठना मुश्किल होता है. बदबू आती है, और बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है. यहां निकलने बैठने में काफी परेशानी होती है. लोगों के मोबाइल पर्स आदि जेब से निकलकर गिर जाते हैं. यहां नालियों की साफ सफाई का कार्य कभी नहीं होता है, जिससे नालियां चोक पड़ी हैं.
जानिए क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय निवासी एवं दुकानदार अजय बताते हैं कि यहां जलभराव के कारण काफी दिक्कतें हो रही हैं. रिक्शा पलट जाते हैं. इससे मच्छर काफी बढ़ गए हैं, जिससे बीमारियों का भी खतरा बना है.
तहसील के निकट स्थानीय निवासी एवं दुकानदार मातेश्वरी बताते हैं कि रोड की स्थिति बहुत खराब है. रोड पूरी तरह जर्जर हो गई है. पूरी रोड में गढ्ढे हो गए हैं. पानी भरा रहता है. यहां पर जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. पांच वर्ष पहले रोड का निर्माण हुआ था, लेकिन बारिश में पानी भरने से फिर टूट गई.
शादीपुर से गैस गोदाम के लिए जाने वाली रोड की स्थिति भी बदहाल है. यहां से निकलने वाले राहगीर जितेंद्र ने बताया कि जिले से तीन-तीन मंत्री हैं. उसके बावजूद सड़कों की स्थिति बहुत बुरी है. सड़क बनाने के नाम पर गढ्ढों की पैचिंग होती है. पिछले तीन वर्षों से इस रोड की स्थिति जर्जर ही है.
नगर पालिका की अधिशाषी अभियंता मीरा सिंह ने बताया कि बारिश के पहले नगर पालिका द्वारा दो-तीन बार गढ्ढों की भराई कराई गई थी. हमारा प्रयास है कि सड़कें जल्द से जल्द बन जाएं. शहर के वीआईपी रोड में कई घर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं, जिन्हें जिलाधिकारी से बात करके नोटिस दी गई है. यदि जल्द से जल्द वो लोग अतिक्रमण खाली नही करते तो नगर पालिका उनके घरों को तोड़कर सड़क निर्माण कार्य कराएगी.
नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि एवं सदस्य हाजी रजा ने कहा कि कोरोना के चलते सरकार से बजट नहीं मिल पाया है, जिसकी वजह से धन आभाव में निर्माण कार्य रुका है. साथ ही जनपद के विकास के लिए यहां के विधायक एवं सांसद का सहयोग नहीं मिल पा रहा है. ये लोग मदद करने के स्थान पर हाथ खड़ा कर लेते हैं.
उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पालिका राधा नगर से देवीगंज तक डिवाइडर रोड बनाना चाहती थी, लेकिन PWD विभाग की रोड होने की वजह से जनप्रतिनिधियों ने नोड्यूज पर अड़ंगा लगाकर उसे नहीं बनने दिया.